Child Pornography: चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट के खिलाफ केरल पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, राज्यभर में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां
Child Pornography: पुलिस ने अपने राज्यव्यापी अभियान के तहत 12 लोगों को अरेस्ट किया है। इन पर बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री देखने और साझा करने का आरोप है।
Child Pornography: केरल पुलिस ने राज्य में चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट चलाने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है। इस ऑपरेशन पी-हंट नाम दिया गया है। शनिवार को पुलिस की ओर से राज्य भर में कई जगह छापेमारी की गई। इस दौरान ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने अपने राज्यव्यापी अभियान के तहत 12 लोगों को अरेस्ट किया है। इन पर बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री देखने और साझा करने का आरोप है।
केरल पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य भर में कुल 46 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 123 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्त किए गए हैं। पुलिस ने सबसे अधिक चार गिरफ्तारियां मलप्पुरम जिले से की है। इसके बाद इडुक्की और कोच्चि शहर से दो-दो अलाप्पुझा और एर्नाकुलम ग्रामीण इलाके से एक-एक शख्स को गिरफ्तार किया है।
केरल पुलिस ने राज्य में बच्चों के साथ बढ़ रहे इस तरह के अपराध पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशन पी-हंट की शुरूआत की। इसके लिए पुलिस में एक अलग विंग का गठन किया गया, जिसका नाम है - काउंटरिंग चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन यानी सीसीएसई टीम।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी क्या है ?
चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक अपराध है जिसमें बच्चे का यौन आग्रह या नाबालिग की भागीदारी वाली अश्लील सामग्री का निर्माण शामिल है। बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रिकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि इसके तहत आते हैं। नाबालिग उन बच्चों को कहा गया है, जिनकी उम्र 18 साल से कम है।
कानून के मुताबिक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी की तस्वीर बनाना और शेयर करना अपराध है। इसके अलावा चाइल्ड पोर्न कंटेंट रखना और देखना भी अपराध है। पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 14 और 15 के अनुसार, किसी भी बच्चे का इस्तेमाल चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए करने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रूपये का जुर्माना हो सकता है।