देशभर के मंदिरों पर कांग्रेस नेता ने दिया ऐसा बयान, साधु-संतो में उबाल
पृथ्वीराज चव्हाण ने मांग की है कि केंद्र सरकार राष्ट्र को आर्थिक संकट से उबारने के लिए देशभर के मंदिर ट्रस्टों के पास पड़ा सोना अपने कब्जे में ले ले जिससे सरकार को लगभग 76 लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी।
मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के एक बयान के बाद बवाल मच गया है। पृथ्वीराज चव्हाण ने मांग की है कि केंद्र सरकार राष्ट्र को आर्थिक संकट से उबारने के लिए देशभर के मंदिर ट्रस्टों के पास पड़ा सोना अपने कब्जे में ले ले जिससे सरकार को लगभग 76 लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सोना राष्ट्र की संपत्ति है और राष्ट्र के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि अगर केंद्र सरकार चाहे, तो 1 या 2% ब्याज पर यह सोना मंदिर ट्रस्टों से लिया जा सकता है। चव्हाण ने अंतरराष्ट्रीय संस्था वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का हवाला दिया और कहा कि देश के मंदिर ट्रस्टों के पास लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थात 75 लाख करोड़ रुपये मूल्य का सोना पड़ा हुआ है।
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पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के इस सुझाव के बाद कई धार्मिक संगठनों से जुड़े साधु संत नाराज हो गए हैं। स्वामी परमहंस और महंत कमल नयन दास ने कांग्रेस नेता के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
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उनका कहना है कि इससे पहले कि धमार्थ न्यासों से सोना लिया जाए, यह जरूरी है कि कांग्रेस नेताओं ने जो संपत्ति गलत तरीके से बनाई है, उसे जब्त कर लिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस के कई नेताओं ने केंद्र व विभिन्न राज्यों की सत्ता में रहते हुए गलत तरीके से धन जमा कर लिए हैं। उन्होंने कांग्रेस पर 'विभाजनकारी नीतियों' को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया।
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'कांग्रेस नेताओं की संपत्ति जब्त हो'
तपस्वी छावनी से जुड़े स्वामी परमहंस ने पृथ्वीराज चव्हाण के सुझाव पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वो सोना लेने की बात करते हैं, जो भी लेना है, ले लें, लेकिन उससे पहले 70 साल से देश को लूटकर जो कांग्रेस के नेता बैठे हैं, उनकी संपत्ति जब्त करके इस महामारी में लगा दी जाए। इसके बाद वे मंदिरों की संपत्ति लेने की बात करें तो हम स्वागत करेंगे।