रायबरेली से सांसद बने रहेंगे Rahul Gandhi, वायनाड सीट छोड़ने की संभावना, Priyanka Gandhi को चुनावी अखाड़े में उतारने की तैयारी

Rahul Gandhi News: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासी जमीन को मजबूत बनाने के लिए राहुल गांधी रायबरेली सीट को बरकरार रखने का बड़ा फैसला ले सकते हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-06-14 08:07 GMT

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी   (photo: social media )

Rahul Gandhi Priyanka Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट के साथ ही केरल की वायनाड सीट पर भी लोकसभा चुनाव जीता है। ऐसे में राहुल गांधी को जल्द ही एक सीट से इस्तीफा देना होगा। राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड में से कौन सी सीट छोड़ेंगे, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासी जमीन को मजबूत बनाने के लिए राहुल गांधी रायबरेली सीट को बरकरार रखने का बड़ा फैसला ले सकते हैं।

राहुल गांधी की ओर वायनाड सीट छोड़ने के फैसले के बाद प्रियंका गांधी को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। पिछले दिनों वायनाड में प्रियंका गांधी को लेकर पोस्टर भी लगाए गए थे। माना जा रहा है कि प्रियंका के जरिए कांग्रेस दक्षिण में अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रखने का फैसला ले सकती है।

राहुल गांधी ने दिया था बड़ा संकेत

वायनाड लोकसभा सीट से चुनावी जीत हासिल करने के बाद राहुल गांधी बुधवार को वायनाड के दौरे पर पहुंचे थे। हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा था कि अपनी सीट को लेकर वे धर्मसंकट की स्थिति में फंसे हुए हैं। उनके लिए यह फैसला करना मुश्किल हो रहा है कि रायबरेली और वायनाड में से किस सीट को बरकरार रखा जाए और किसे छोड़ जाए। सीट को लेकर अपनी दुविधा को प्रकट करने के साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि वे सीट को लेकर ऐसा फैसला लेंगे जिससे दोनों क्षेत्रों के लोगों को खुशी होगी। इसे राहुल गांधी के बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।


केरल से सियासी जुड़ाव बनाए रखेगा गांधी परिवार

राहुल गांधी के फैसले को लेकर कांग्रेस का कोई नेता खुलकर बोलने को तैयार नहीं है मगर पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राहुल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासत को मजबूत बनाने का फैसला ले सकते हैं। वायनाड के लोगों को खुश करने के लिए उपचुनाव की स्थिति में वे प्रियंका गांधी को कांग्रेस की ओर से इस सीट पर चुनावी अखाड़े में उतारा जा सकता है।

वायनाड सीट खाली होने के बाद प्रियंका के चुनाव मैदान में उतरने पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है। प्रियंका को केरल से चुनाव लड़ाकर गांधी परिवार केरल से अपने सियासी जुड़ाव को मजबूत बनाए रखने का बड़ा सियासी संदेश दे सकता है।


वायनाड में प्रियंका को लेकर माहौल गरमाया

वायनाड में प्रियंका गांधी को लेकर सुगबुगाहट भी सुनाई देने लगी है। हाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टरों के जरिए प्रियंका को वायनाड से चुनाव लड़ाने की मांग की थी। केरल कांग्रेस के नेता भी इस बात की दलील दे रहे हैं कि राहुल गांधी के सीट छोड़ने की स्थिति में प्रियंका गांधी को यहां से चुनाव लड़ाया जाना चाहिए।

इससे पार्टी को केरल में प्रियंका गांधी की लोकप्रियता का बड़ा फायदा मिल सकता है। केरल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में कांग्रेस गांधी परिवार के जरिए राज्य में अपनी सियासी स्थिति को मजबूत बनाए रखना चाहती है।


प्रियंका को लेकर काफी दिनों से चल रही चर्चाएं

वैसे प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाएं 2019 से ही सुनी जाती रही हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने काफी जोर पकड़ा था। सोनिया गांधी ने जब रायबरेली सीट छोड़कर राज्यसभा जाने का फैसला किया था, तब भी इस बात की चर्चा उड़ी थी कि प्रियंका को रायबरेली से चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि प्रियंका ने चुनाव से दूरी बनाए रखने का फैसला किया था।

बाद में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को रायबरेली सीट पर चुनाव लड़ाया गया था और उन्होंने गांधी परिवार के इस परंपरागत लोकसभा क्षेत्र में बड़ी जीत हासिल की थी

अमेठी के पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था मगर इस बार कांग्रेस में उस सीट पर भी किशोरी लाल शर्मा के जरिए स्मृति ईरानी से मिली पिछली हार का बदला ले लिया है। अब ऐसे में माना जा रहा है कि प्रियंका को वायनाड सीट से चुनाव लड़ा कर कांग्रेस उत्तर प्रदेश और केरल दोनों का समीकरण साधने का प्रयास कर सकती है।


प्रियंका गांधी को ही लेना है फैसला

हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस का की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है मगर माना जा रहा है कि इस बाबत आखिरी फैसला प्रियंका गांधी को ही लेना है। यदि वे चुनाव लड़ने को तैयार हुईं तो किंतु-परंतु की कोई गुंजाइश नहीं है मगर यदि उन्होंने चुनाव से दूरी बनाए रखने का फैसला किया तो फिर कांग्रेस दूसरे विकल्पों पर विचार करेगी। ऐसी स्थिति में केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुरलीधरन को वायनाड से मौका दिया जा सकता है।

केरल की त्रिशूर सीट पर इस बार मुरलीधरन को भाजपा नेता सुरेश गोपी के हाथों और अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है। मुरलीधरन को केरल में कांग्रेस का दिग्गज नेता माना जाता रहा है और प्रियंका के चुनाव से दूर रहने के फैसले की स्थिति में उन्हें मौका मिल सकता है।



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