Conspiracy against India in PoK: भारत के खिलाफ पीओके में रची जा रही बड़ी साजिश, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए बनाई खास रणनीति

Conspiracy against India in PoK: साल 2023 के आखिर में जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली की कोशिशों को बड़ा झटका लगा। केंद्र और राज्य सरकार को खुफिया जानकारी मिली है कि पीओके में हिंदुस्तान के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान का वो हथकंडा बेअसर कर दिया है, जिसमें वो आतंकवाद का इस्तेमाल भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए कर रहा था। अब दिल्ली में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक खास रणनीति बनाई जा रही है।

Update:2024-01-02 23:08 IST

भारत के खिलाफ पीओके में रची जा रही बड़ी साजिश, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए बनाई खास रणनीति: Photo- Social Media

Conspiracy against India in PoK: जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली की कोशिशों को साल 2023 के आखिर में एक बड़ा झटका उस समय लगा जब 21 दिसंबर 2023 को राजौरी में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला बोल दिया। इस हमले में 4 जवान शहीद हो गए। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजौरी का दौरा किया और सेना को सतर्क और मुस्दैत रहने की हिदायत दी। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में पुंछ-राजौरी से लेकर कश्मीर घाटी तक आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बड़ी रणनीति बन रही है। यह सब उस खुफिया जानकारी के आने के बाद किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि पीओके में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रहा है। खुफिया जानकारी के मुताबिक, सीमा पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आईएसआई आतंकी कमांडरों के साथ एक बड़ी साजिश रचने में जुटी है। वो जम्मू-कश्मीर में 600 से ज्यादा सोशल मीडिया के फेक अकाउंट सक्रिय करने में लगे हैं। इन अकाउंट के जरिए सुनियोजित तरीके से पाकिस्तान प्रयोजित प्रोपेगेंडा प्रसारित करने की कोशिश की जाएगी और वहां के नौजवानो को बरगला कर आतंक को भड़काने की कोशिश होगी। पाकिस्तान के इस नापाक इरादे पर भारत के सरकारी एजेंसियों की कड़ी नजर है। बहुत जल्दी ही इसके खिलाफ बड़ा कदम उठाया जा सकता है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को खत्म कर देगा।

सुरक्षा एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट ली गई है-

देखा जाए तो पिछले कुछ महीनों के अंदर आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के राजौरी के पहाड़ी इलाके में कई बार भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकी हमला कर चुके हैं। आखिर राजौरी के 12 किलोमीटर में मौजूद प्राकृतिक गुफाओं को आतंकवादी कैसे अपना पनाहगाह बना रहे हैं, इस पर सुरक्षा एजेंसियों से विस्तृत रिपोर्ट ली गई है। हालांकि, देखा जाए तो अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में 228 आतंकी घटनाएं हुई तो वहीं साल 2023 में केवल 44 आतंकी घटनाएं हुई हैं।

गृह मंत्रालय की जीरो टॉलरेंस नीति

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में 189 आतंकी एनकाउंटर हुए तो 2023 में सिर्फ 48 आतंकियों के साथ एनकाउंटर हुए। 2018 में पत्थरबाजी की 1221 घटनाएं हुईं तो 2023 में ये शून्य पर आ गईं। वहीं, संगठित हड़ताल जो 2018 में 52 थी, वो 2023 में सिर्फ जीरो है। गृह मंत्रालय की कोशिश है कि आतंक पर जीरो टॉलरेंस की नीति को और प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। लेकिन इसमें सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तानी आतंकी हैं, जो इस समय जम्मू-कश्मीर में करीब 66 की संख्या में मौजूद हैं।

तंजीम आतंकियों को रेडिकलाइज की कोशिश

सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर में इस समय 91 आतंकी सक्रिय हैं। इसमें 66 पाकिस्तानी हैं। 25 लोकल हैं। जबकि पिछले साल यानी 2022 में 135 सक्रिय थे। सुरक्षा बलों की माने तो आतंकी रिक्रूटमेंट कम हो रहा है। फिर भी आतंकी तंजीम आतंकियों को रेडिकलाइज करने में जुटे हैं। गृह मंत्रालय की बैठक में इनके खिलाफ सुनियोजित ऑपरेशन चलाने और स्थानीय लोगों से खुफिया जानकारी जुटाने की प्रक्रिया को ज्यादा असरदार बनाने पर बातचीत चल रही है।

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