Coups in the world : सिर्फ चार सालों में 12 देश हुए तख्तापलट का शिकार, आइये जानते हैं कैसे सत्ता से अपदस्थ हुए शीर्ष नेता?
Coups in the world : सीरिया कोई पहला देश नहीं है, जहां पर तख्तापलट हुआ है। इससे पहले करीब चार सालों की ही बात करें तो करीब 12 देशों में तख्ता पलट हो चुका है। आइये जानते हैं कौन-कौन देश हुए हैं शिकार?;
Coups in the world : दुनिया के कई देशों में तख्तापलट होना कोई नहीं बात नहीं है, यहां अक्सर देखने को मिलता है। ताजा मामला सीरिया का है, यहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद को मजबूरन देश छोड़कर भागना पड़ा है, क्योंकि विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है। सीरिया के अन्य कई देशों में तख्ता पलट हो चुका है। बीते चार सालों करीब 12 देश तख्ता पलट का शिकार हो चुके हैं। आइये जानते हैं कहां-कहां तख्तापलट हुआ है।
कहां-कहां हो चुका तख्तापलट?
1. सीरिया में विद्रोहियों ने कई बड़े शहरों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क को अपने हवाले कर लिया। विद्रोहियों से खुद को घिरा देख राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़ने के लिए मजूबर हो गए। उन्होंने अपने परिवार के साथ रूस में शरण ली है। बता दें कि राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता ने भी अपने शासन की शुरुआत तख्ता पलट से ही की थी। वर्ष 2000 में उनके निधन के बाद बशर अल-असद ने सत्ता संभाली थी। इसके बाद देश में कई बार हिंसा देखने को मिली। यहां बीते काफी दिनों से सरकार और विद्रोहियों के बीच जंग चल रही थी।
2. बांग्लादेश को भी बीते अगस्त, 2024 में तख्ता पलट का सामना करना पड़ा है। आरक्षण के विरोध में उठी आग ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बाहर कर दिया है। इस बीच जैसे ही सेना प्रमुख ने सत्ता संभालने का ऐलान किया तो प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री के घर को आग लगा दी। इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा और भारत में शरण ली। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीपुर्रहमान की प्रतिमा को तोड़ दिया था। इसके बाद यहां नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त मोहम्मद युनुस ने सत्ता को संभाला है।
3. साल 2022 में श्रीलंका में आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहे लोगों ने सरकार के कड़ा विरोध प्रदर्शन करना पड़ा, जिसके सामने सरकार को झुकना पड़ा। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रदर्शनकारियों से यहां तक कह दिया है कि वह सत्ता का शांतिपूर्वक हस्तानांतरण कर देंगे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक भी न सुनी और प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया। इसके बाद मजबूरन राष्ट्रपति राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा है।
4. वर्ष 2021 में अफगानिस्तान को तख्तापलट का सामना करना पड़ा था, यहां देखते ही देखते तालिबानियों ने राजधानी काबुल पर अपना कब्जा जमा लिया है। हालांकि इससे पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था और संयुक्त अरब अमीरात में शरण ले ली थी। दरअसल, अमेरिका ने जैसे ही 2021 में अपनी सेना को यहां से हटाया, वैसे ही तालिबान ने अपना वर्चस्व दिखाना शुरु कर दिया था। इस समय अफगानिस्तान में तालिबान का ही शासन है।
5. साल 2021 में म्यांमार में तख्तापलट हुआ था, यहां सेना ने ही चुनी हुई सरकार की मुखिया आंग सान सू ची को हिरासत में ले लिया और सत्ता को अपने हाथों में ले लिया। आंग सान सू ची बीते काफी दिनों से यहां लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्ष कर रहीं थी। इससे पहले साल 2011 में ही सेना के हाथों से सत्ता ले ली गई थी और लोकतांत्रिक तरीके से सरकार बनी थी।
6. अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने ही तख्ता पलट कर दिया था और राष्ट्रपति मोहम्मद बजूम नाइजर को गिरफ्तार कर लिया था। सेना ने तख्ता पलट की घोषणा से पहले ही अपने लोगों को तैनात कर दिया था। यहां सेना ने जुलाई, 2023 में तख्ता पलट की घोषणा की थी।
7. अफ्रीकी देश बुर्किना फासो ने भी तख्ता पलट का सामना किया। यहां सेना ने जनवरी 2022 में राष्ट्रपति रोच कबोरे हिरासत में लेकर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। हालांकि कुछ दिन बाद ही सेना दो धड़ों में बंट गई और एक फिर तख्ता पलट हो गया।
8. अफ्रीकी देश माली में भी 2022 तख्ता पलट हुआ था। यहां भी सेना ने ही राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था।
9. अफ्रीकी देश चाड में भी तख्ता पलट हुआ था। यहां 2021 में राष्ट्रपति इदरिस डेबी की मौत के बाद नियमानुसार स्पीकर को राष्ट्रपति बनना था, लेकिन दिवंगत राष्ट्रपति के बेटे एवं सेना के जनरल महामत डेबी ने ही सत्ता कब्जा जमा लिया था।
10. अफ्रीकी देश गैबॉन में चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सेना ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था और अगस्त, 2023 में चुनाव जीतकर आए राष्ट्रपति बोंगो को हिरासत में लिया गया था। इससे यहां बोंगो परिवार के 55 साल के शासन का अंत हो गया।
11. साल 2021 में उत्तर अफ्रीकी देश सूडान को भी तख्तापलट का सामना करना पड़ा। यहां सेना और नेताओं ने मिलकर तानाशाह उमर अल-बशीर से सत्ता छीन ली थी। इसके बाद सेना में दो धड़ हो गए, जिससे सेना प्रमुख अब्देल फतेज बुरहान और पूर्व डिप्टी मोहम्मद हमदान डाग्लों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें हजारों लोग मारे गए।
12. पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में सेना ने सत्ता पर कब्जा जमा लिया। यहां साल 2021 में लेफ्टिनेंट कर्नल मामाडी डौम्बौया के नेतृत्व में विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को हिरासत में ले लिया था और सत्ता पर नियंत्रण कर लिया।