चीन सीमा तक 43 पुल: राजनाथ करेंगे उद्घाटन, लद्दाख तक जोड़ेंगे रास्ते
3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक महत्व की सुरंग, रोहतांग टनल का उद्घाटन करने वाले हैं। लद्दाख की सीमा पर पिछले पांच महीनों से चीन के साथ तनाव चल रहा है।
नई दिल्ली : चीन से तनाव के बीच आज एलएसी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीमा से सटे 7 अलग-अलग राज्यों और केंद्र शाति प्रदेशों में कुल 43 पुलों का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। 43 में से सबसे ज्यादा 10 पुल जम्मू-कश्मीर में बनाए गए हैं। ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने बना कर तैयार किए हैं। 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामरिक महत्व की सुरंग, रोहतांग टनल का उद्घाटन करने वाले हैं। लद्दाख की सीमा पर पिछले पांच महीनों से चीन के साथ तनाव चल रहा है।
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पुल देश के सात राज्यों में
ऐसे में भारत अपनी सीमाओं को मजबूत करने में जुटा है। इसी कड़ी में आज काफी अहम दिन है। इन सभी पुलों का निर्माण सीमा सड़क संगठन (BRO) ने किया है। ये सभी पुल देश के सात राज्यों में बने हैं, जिनका उद्घाटन रक्षा मंत्री कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर – 10 पुल, लद्दाख – 7 पुल, हिमाचल प्रदेश – 2 पुल, पंजाब – 4 पुल, उत्तराखंड – 8 पुल , अरुणाचल प्रदेश – 8 पुल, सिक्किम – 4।
इन सभी पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे। इस दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उप-राज्यपाल भी मौजूद रहेंगे।
22 पुलों का संबंध चीन सीमा
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में निचिफू सुरंग की नींव भी गुरुवार को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रखेंगे। इसका निर्माण भी( BRO) करेगा, जिसकी मदद से सेना के लिए सीमा तक जाना आसान होगा। इन कुल 43 पुलों में से करीब 22 पुलों का सीधा संबंध चीन सीमा से है। और सेना की हलचल, वाहनों और हथियारों को ले जाने के लिहाज से इनकी महत्वता काफी अधिक है।
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बता दें कि कुछ ही दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश को रोहतांग टनल समर्पित करने वाले हैं, जिसका सामरिक महत्व काफी अधिक है।चीन से तनाव के मद्देनजर ये पुल अहम माने जा रहे है। और भारतीय सेना लद्दाख से लेकर अरुणाचल और उत्तराखंड, सिक्किम में सतर्क हैं ऐसे में इन पुलों के मिलने से सेना को काफी मदद पहुंचेगी। मंत्रालय के एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक इन पुलों में से ज्यादातर रणनीतिक महत्व वाले क्षेत्रों में हैं। इनसे सुरक्षा बलों और हथियारों के शीघ्रता से पहुंचाने में मदद मिलेगी।