दिल्ली सरकार ने आखिरकार उमर खालिद पर केस चलाने को दी मंजूरी
गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत यह जरूरी होता है कि दिल्ली पुलिस पहले दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति हासिल करे।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून संबंधी प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली में हुए भयावह दंगों के मामले में आरोपी बनाए गए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ अदालती कार्यवाही के लिए दिल्ली सरकार ने आखिरकार अपनी सहमति दे दी है? गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए ) के तहत केस चलाने के लिए दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय और केजरीवाल सरकार से अनुमति मांगी थी जो अब मिल गई है। लगभग दो महीने पहले 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने खालिद को दिल्ली दंगा मामलों में आरोपित मानते हुए गिरफ्तार किया था।
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दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को आरोपित पर लगाए गए आरोपों के बारे में संतुष्ट करे
गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत यह जरूरी होता है कि दिल्ली पुलिस पहले दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति हासिल करे। दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को आरोपित पर लगाए गए आरोपों के बारे में संतुष्ट करे। दिल्ली सरकार का नेतृत्व करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए थे कि वह लोगों के साथ ज्यादती कर रही है और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
आप पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन का मामला सुबूतों के साथ सामने आने के बाद आप ने कदम पीछे खींचे थे लेकिन अब खालिद के मामले में भी सरकार ने मान लिया है कि दिल्ली पुलिस सही कह रही है। बताया जाता है कि लंबे विचार-विमर्श के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पुलिस को केस चलाने की स्वीकृति दी है।
अब तक 718 मामले दर्ज
दिल्ली में दंगा भडकाने और दंगा में शामिल होने के आरोप में दिल्ली पुलिस अब तक पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, शरजील इमाम समेत 3400 लोगों को हिरासत में लेने व गिरफ्तारी की कार्रवाई कर चुकी है। दिल्ली पुलिस की स्पेश्ल सेल की ओर से अदालत को बताया गया है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भडक़े साम्प्रदायिक दंगे सोची-समझी साजिश का नतीजा थे। ङ्क्षहसा के दौरान दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले में कई घरों को जला दिया गया था। पुलिस के अनुसार अब तक 718 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें से 55 मामले आम्र्स एक्ट के तहत हैं।
दंगे में मरने वालों की संख्या 52 हो चुकी है। कुल 1100 उपद्रवी चिन्हित हुए हैं जिसमें से 300 उत्तर प्रदेश से बुलाए गए थे। सेल का कहना यह भी है कि अपराध शाखा ने इस साजिश की जानकारी 6 मार्च 2020 को सेल को दी थी। इसके बाद सेल ने दंगों की साजिश की अलग से जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि खालिद के अलावा इस साजिश में बहुत सारे अलग-अलग समूह भी शामिल रहे।
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तिहाड़ जेल में बंद है उमर खालिद
दिल्ली की कडक़डड़ूमा कोर्ट ने पिछले महीने तिहाड़ जेल में बंद उमर खालिद की न्यायिक हिरासत अवधि 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। इसके साथ ही अदालत ने जेल प्रशासन को जेल के अंदर खालिद की सुरक्षा का ध्यान रखने का निर्देश दिया है। खालिद ने अदालत को बताया है कि उसे तनहाई में रखा जा रहा है।
अखिलेश यादव
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