दिल्ली LG का केजरीवाल को बड़ा झटका, DDCD उपाध्यक्ष को किया बर्खास्त, दफ्तर पर लगवाया ताला

Delhi News: जैस्मीन शाह को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था मगर उपराज्यपाल ने शाह से सारी सरकारी सुविधाएं छीनने का आदेश भी दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-11-18 13:31 IST

CM Arvind Kejriwal- Jasmine Shah (photo: social media )

Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ता हुआ दिख रहा है। उपराज्यपाल ने केजरीवाल के करीबी माने जाने वाले डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन आफ दिल्ली (DDCD) के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह को बर्खास्त कर दिया है। शाह को दिल्ली की केजरीवाल सरकार का थिंक टैंक माना जाता रहा है।

शाह पर राजनीतिक मकसद के लिए सरकारी दफ्तर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। शाह की बर्खास्तगी के साथ ही उनके दफ्तर पर ताला लगवा दिया गया है। शाह को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल था मगर उपराज्यपाल ने शाह से सारी सरकारी सुविधाएं छीनने का आदेश भी दिया है।

केजरीवाल के काफी करीबी हैं शाह

दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री केजरीवाल के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर पहले से ही टकराव चल रहा है। उपराज्यपाल के इस कदम से टकराव काफी बढ़ गया है क्योंकि शाह को केजरीवाल का करीबी माना जाता है। केजरीवाल खुद डीडीसीटी के अध्यक्ष हैं जबकि उन्होंने शाह को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। संवैधानिक पद पर काम करने के बावजूद वे विभिन्न न्यूज़ चैनलों पर पार्टी के प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे थे। वे न्यूज़ चैनलों पर आयोजित डिबेट में पार्टी प्रवक्ता के रूप में हिस्सा लेते थे।

इस मुद्दे पर शिकायत मिलने के बाद उपराज्यपाल विनय सक्सेना की ओर से उन्हें नोटिस जारी की गई थी। उपराज्यपाल का निर्देश मिलने के बाद योजना विभाग की ओर से शाह को पद से हटाए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश जारी होने के बाद शामनाथ मार्ग पर स्थित शाह के चैम्बर को गुरुवार की रात में ही सील कर दिया गया।

भाजपा सांसद की शिकायत पर हुई कार्रवाई

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने शाह के खिलाफ उपराज्यपाल से शिकायत की थी। उनका कहना था कि सरकारी पद पर रहने के बावजूद शाह आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने शाह पर पद के दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया था। प्रवेश वर्मा ने उपराज्यपाल के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि उनकी शिकायत के बाद उपराज्यपाल ने यह कार्रवाई की है।

एलजी दफ्तर का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद शाम को दो बार नोटिस जारी की गई थी मगर उन्होंने किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया। शाह को 4 साल पहले डीटीसीडी के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। केजरीवाल की कैबिनेट ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी।

उपराज्यपाल की ओर से उठाए गए कदम के बाद एक बार फिर राजभवन और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी बढ़ने के आसार दिख रहे हैं।

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