कांग्रेस में फिर उठी चुनाव की मांग, सिब्बल के मुखर होने से हाईकमान पर बढ़ा दबाव
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी में चुनाव का मुद्दा उठाया है। सिब्बल के मुखर होने से पार्टी के आंतरिक चुनावों को लेकर हाईकमान पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की असंतुष्ट नेताओं के साथ बैठक के बावजूद अभी पार्टी में असंतोष के बादल नहीं छंटे हैं। पिछले दिनों हुई इस बैठक के बाद अभी तक पार्टी में खामोशी छाई हुई थी मगर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी में चुनाव का मुद्दा उठाया है। सिब्बल के मुखर होने से पार्टी के आंतरिक चुनावों को लेकर हाईकमान पर एक बार फिर दबाव बढ़ गया है। पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव की तैयारियां चल रही हैं मगर सिब्बल ने इस मुद्दे पर मुखर होकर प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने का दबाव बढ़ा दिया है।
पार्टी में चुनाव की प्रक्रिया स्पष्ट नहीं
कपिल सिब्बल का कहना है कि पार्टी में आंतरिक चुनाव का वादा तो जरूर किया गया था मगर सच्चाई यह है कि अब तक इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ खुली बातचीत में जल्द से जल्द आंतरिक चुनाव की बात कही थी मगर अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह चुनाव कब और कैसे कराए जाएंगे।
नहीं पूरा हुआ सोनिया का वादा
सिब्बल ने कहा कि यात्रा पर होने के कारण मैं सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं ले सका था मगर पार्टी के अन्य नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की थी। मुझे पता चला है कि पार्टी नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी में आंतरिक चुनाव की बात भी कही थी मगर इस बातचीत के काफी दिन भी जाने के बाद भी अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह चुनाव कैसे कराए जाएंगे और कब होंगे। पार्टी नेतृत्व को इस बाबत सारी चीजें जल्द से जल्द साफ कर देनी चाहिए।
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राहुल की ताजपोशी पर नहीं दिया जवाब
एक बार फिर राहुल गांधी को पार्टी का दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा के सवाल पर सिब्बल ने साफ जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ चर्चाओं और अटकलों के आधार पर सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए। हम वास्तविकता सामने आने पर इस सवाल का जवाब देंगे। जब चर्चा के टेबल पर उनका नाम सामने आएगा, तभी इस सवाल का जवाब दिया जा सकता है।
राहुल की फिर से ताजपोशी पर पार्टी में होने वाले बदलावों के बाबत पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि यह सबकुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि पार्टी में किस तरह से संविधान की प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है। कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण लोगों से चर्चा भी काफी अहम है।
केंद्र सरकार पर बोला हमला
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर सिब्बल ने कहा कि इस आंदोलन को खत्म कराने का एक ही रास्ता है कि सरकार की ओर से ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें किसानों को एमएसपी की गारंटी मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार इंडस्ट्री को मैक्सिमम सपोर्ट देने में लगी हुई है जबकि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
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उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने बिना सोचे समझे कदम उठाया है। केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी, जीएसटी या फिर कृषि कानून किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई भी होमवर्क नहीं किया गया।
कार्यसमिति के चुनाव की तस्वीर साफ नहीं
सियासी जानकारों का कहना है कि सोनिया गांधी पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव में हर तरह की बाधा दूर करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। हालांकि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है।
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पार्टी की चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक नेता का कहना है कि सिब्बल और दूसरे नेताओं को सीडब्ल्यूसी की तरफ से चुनाव तिथियों की घोषणा तक इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी संविधान के मुताबिक कांग्रेस कार्यसमिति के 25 में से 12 सदस्यों के चुनाव का प्रावधान है। हालांकि पिछले 20 साल से पार्टी में कार्यसमिति के चुनाव नहीं हुए हैं। जानकारों के मुताबिक असंतुष्ट नेताओं के बढ़ते दबाव को देखते हुए पार्टी कार्यसमिति के सदस्यों का भी चुनाव करा सकती है।
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