Kisan Andolan: केंद्र-पंजाब आमने-सामने, MHA को लिखा चिट्ठी, दिया जवाब

Kisan Andolan: पंजाब सरकार द्वारा केंद्र को भेजे जवाब में किसानों पर हरियाणा पुलिस के द्वारा चलाए आंसू गैस शेल्स, रबर बुलेट्स एवं फिजिकल फोर्स का भी जिक्र किया गया है।

Update: 2024-02-21 11:39 GMT

Kisan andolan (सोशल मीडिया) 

Kisan Andolan: एक तरफ किसी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली कूच करने की जिद पर अड़े हैं तो वहीं किसानों को लेकर केंद्र और पंजाब की भगवंत मान सरकार आमने सामने आ गई है। केंद्र द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब पंजाब सरकार ने एक चिट्ठी लिखकर भेजा है। यह लेटर पंजाब के चीफ सेक्रेटरी द्वारा लिखा गया है। पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय (एमएचए) को भेजे अपने जवाब में कहा है कि यह कहना पूरी तरह गलत है की राज्य सरकार शंभू और धाबी-गुर्जन बॉर्डर पर लोगों को इकट्ठा होने दे रही है। चीफ सेक्रेटरी ने अपने लिखे जवाब में ये भी कहा है कि किसान दिल्ली आंदोलन करने जा रहे थे, लेकिन मूवमेंट पर रिस्ट्रिक्शन होने के कारण वो पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर रुके हुए हैं।

पंजाब ने केंद्र को भेजे जवाब में किसानों पर हरियाणा पुलिस के द्वारा चलाए आंसू गैस शेल्स, रबर बुलेट्स एवं फिजिकल फोर्स का भी जिक्र किया है। पंजाब सरकार ने हरियाणा पुलिस द्वारा प्रयोग किए गए फोर्स का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें अब तक 160 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसके बाद भी पंजाब की सरकार ने जिम्मेदारी के साथ लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बरकरार रखा हुआ है। पंजाब ने कहा है कि किसानों के प्रति और ज्यादा सहानुभूति दिखाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की भूमिका की भी बात कही 

इसके अलावा लेटर में पंजाब सरकार द्वारा किसानों के साथ हुए नेगोशिएशन में मुख्यमंत्री भगवंत मान की भूमिका की भी बात कही गई है। केंद्र को भेजे गए जवाब के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री अब तक हुई चार बैठकों में से तीन में मौजूद रहे। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि पंजाब पुलिस की तरफ से डीआईजी रैंक के अधिकारी और पीपीएस ऑफिसर सहित 2000 पुलिसकर्मी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। सरकार पूरे हालात पर लगातार नजर रखी हुई है। पंजाब सरकार ने जरूरत पड़ने पर सभी जरूरी कदम उठाए जाने की भी बात कही है।

किसानों को विपक्ष का साथ

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। कहा, काँग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में इसका उल्लेख करने जा रही है कि एमएसपी एक कानूनी गारंटी है। इसे सभी फसलों के लिए नहीं दिया जा सकता, लेकिन सभी आवश्यक वस्तुओं के लिए दिया जा सकता है। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि वो हमारे अन्नदाता हैं। किसान सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं, वो दिन-रात, सर्दी, गर्मी, बरसात में पसीना बहाकर हमारे लिए अन्न उगाते हैं। उन्होंने कहा, किसानों को फसल की पूरी कीमत मिलनी चाहिए। केजरीवाल ने पूछा कि आखिर किसान को यह सब क्यों करना पड़ रहा है?

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