भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया, पीएम ट्रूडो की टिप्पणी पर कही ये बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं।

Update:2020-12-04 18:23 IST
कनाडा के पीएम ने भारत में आंदोलनकारी किसानों का सोमवार को समर्थन किया था। साथ ही ये भी कहा था कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का हमेशा बचाव करेगा।

नई दिल्ली: देश के आंतरिक मामले में (किसान आन्दोलन) में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं की टिप्पणी को भारत ने गंभीरता से लिया है। भारत ने इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी की वजह से कनाडा में हमारे मिशन के सामने भीड़ जमा होने को बढ़ावा मिला, जिससे सुरक्षा का मुद्दा खड़ा होता है।

किसानों के मुद्दों पर कनाडा के नेताओं की टिप्पणी हमारे आंतरिक मामलों में 'बर्दाश्त नहीं करने लायक हस्तक्षेप' है। अगर यह जारी रहा तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर रूप से क्षति' पहुंचेगी।

किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

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विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों।'

मंत्रालय ने एक संदेश में कहा, 'बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाये।'

दरअसल कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत में आंदोलनकारी किसानों का सोमवार को समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार का हमेशा बचाव करेगा।

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किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

कनाडा के पीएम ने क्या कहा था?

ये बात उन्होंने गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कही थी।

ट्रूडो ने अपने बयान में कहा था कि हालात बेहद चिंताजनक हैं और हम परिवार तथा दोस्तों को लेकर परेशान हैं।

हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है। आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।'

बताते चलें कि कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जो ज्यादातर पंजाब से हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कनाडा के पीएम ने वहां रह रहे पंजाबियों को लुभाने के लिए इस तरह का बयान दिया हो।

वजह चाहें जो भी रही हो लेकिन भारत के निजी मामलों में उन्होंने बयान देकर गलती की है। इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर भी पड़ सकता है।

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