Farmers Protest : '4 जनवरी को होगी महापंचायत', किसान नेता दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बीच किसानों का ऐलान

Farmers Protest : किसान नेता काका सिंह कोटरा ने पत्रकारों से कहा कि 4 जनवरी को खनौरी में हम एक बड़ी किसान महापंचायत करेंगे, जिसमें विभिन्न राज्यों के किसान भाग लेंगे।;

Newstrack :  Network
Update:2024-12-28 23:10 IST

धरना स्थल पर बैठे किसान (Pic- Social Media)

Farmers Protest : केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों ने 4 जनवरी को "किसान महापंचायत" का ऐलान किया है। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए यह पंचायत खनौरी विरोध स्थल पर होगी। किसान नेता काका सिंह कोटरा ने पत्रकारों से कहा कि 4 जनवरी को खनौरी में हम एक बड़ी किसान महापंचायत करेंगे, जिसमें विभिन्न राज्यों के किसान भाग लेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा, दो प्रमुख संगठनों ने पहले 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया था। यह घोषणा किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण बढ़ते तनाव के बीच की गई है। महापंचायत का आह्वान सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को 70 वर्षीय दल्लेवाल को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद अस्पताल ले जाने में विफल रहने के लिए फटकार लगाने के बाद किया गया है। कोर्ट के हस्तक्षेप ने इस मुद्दे को और बढ़ा दिया है, जिससे पंजाब सरकार पर कार्रवाई करने का भारी दबाव है। वहीं, दल्लेवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं अनशन पर बैठा हूं। सुप्रीम कोर्ट में यह रिपोर्ट किसने दी और किसने यह गलत धारणा फैलाई कि मुझे बंधक बनाकर रखा गया है, ऐसी बात कहां से आई?

26 नवंबर से भूख हड़ताल पर

किसान नेता काका सिंह कोटरा ने बताया कि दल्लेवाल की भूख हड़ताल शनिवार को 33वें दिन में प्रवेश कर गई। दल्लेवाल ने पहले कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगों पर सहमत नहीं हो जाती, तब तक वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे। बता दें कि दल्लेवाल (70) 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, ताकि केंद्र पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।

31 दिसंबर तक अस्पताल में भर्ती कराया जाए

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने शनिवार को सुनवाई की और पंजाब सरकार को दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। साथ ही अगर स्थिति की जरूरत पड़ी तो केंद्र से सहायता लेने की स्वतंत्रता दी। वहीं, पंजाब सरकार ने कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों के भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, जो उन्हें अस्पताल ले जाने से रोक रहे हैं।

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