उग्र होने लगा किसान आंदोलन, नीरो क्यों बने हुए हैं शिवराज

Update:2017-06-06 14:24 IST

भोपाल : मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। वहीं बीती रात मंदसौर जिले में किसानों ने रेलवे क्रांसिंग गेट को तोड़ने के साथ पटरी उखाड़ने की कोशिश की। इसके अलावा जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी ने बताया कि सोमवार की देर रात को दालोद पुलिस चौकी क्षेत्र में किसानों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और रेलवे क्रासिंग के गेट को तोड़ दिया। इसके अलावा उन्होंने पटरियों के बीच के स्लीपर पर लगे लोहे के एंगल को नुकसान पहुंचाया। हालांकि यातायात ज्यादा देर प्रभावित नहीं हुआ।

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उन्होंने बताया कि किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है।

वहीं, जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि मंगलवार को स्थिति सामान्य है और सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। जब उनसे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की है। राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।

ज्ञात हो कि राज्य के किसान एक जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं। उनकी मांग कर्ज माफी व फसल का उचित दाम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलो प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है। भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, मगर भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है। इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है।

किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। वहीं कई स्थानों पर दूध महंगे दाम पर बिक रहा है। इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी है, क्योंकि सब्जियां मंडी तक और दूध दुग्ध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा।

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