बिहार व असम में बाढ़ और बारिश का कहर, इन नए इलाकों में घुसा पानी, डरे लोग

असम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 102 लोगों की मौत बाढ़ से और 26 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है।

Update: 2020-07-27 05:16 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। बिहार और असम में बाढ़ और बारिश के पानी के कहर के कारण लोगों की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं। उत्तर बिहार के 11 जिलों में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है और एनडीआरएफ और वायुसेना की टीमें लोगों तक राहत पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। उत्तर बिहार में बाढ़ और बारिश के पानी ने रविवार को 15 लोगों की जान ले ली। उधर असम में भी बाढ़ के कारण हालात गंभीर बने हुए हैं। असम के 30 जिलों में बाढ़ का कहर दिख रहा है और करीब 25 लाख लोग बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए हैं। रविवार को यहां पांच और लोगों की मौत होने की खबर है। इसके साथ ही राज्य में मृतकों की संख्या 128 हो गई है।

बिहार में 15 लोगों की मौत

उत्तर बिहार के 11 जिलों के लोग बाढ़ का कहर झेल रहे हैं। लगातार हो रही बारिश ने लोगों की दिक्कतें और बढ़ा दी हैं। रविवार को मुजफ्फरपुर में 8 और पूर्वी चंपारण में 7 लोगों की अलग-अलग इलाकों में डूबने से मौत हो गई। सारण जिले में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है और 5 नए प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जानकारों के मुताबिक राज्य की करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ के पानी में गिरी हुई है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

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बांध टूटने से हालात गंभीर

राज्य में गंडक और कोसी नदी का कहर कम नहीं हो रहा है। नेपाल से पानी का आना कम होने के बावजूद गंडक नदी का पानी अभी भी उफान पर है। रविवार को बैकुंठपुर के पास रिटायर्ड बांध चार जगह से टूट जाने के कारण लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई। इसके बाद बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है। राज्य में गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि यह अभी खतरे के निशान से नीचे बना हुआ है।

समस्तीपुर में घुसा बूढ़ी गंडक का पानी

सारण का मुख्य तटबंध टूटने के कारण बाढ़ का पानी गोपालगंज, सारण और मधुबनी के नए इलाकों में घुस गया है। समस्तीपुर के मगरदहीघाट मूवीस गेट से रविवार को रिसाव शुरु होने का कारण शहर के निचले इलाकों में बूढ़ी गंडक का पानी घुस गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई है और अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

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ट्रेनों का परिचालन बाधित

समस्तीपुर दरभंगा रेल खंड पर अभी तक ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है। हायाघाट स्टेशन के पास बागमती का पानी और बढ़ जाने के कारण पुल के गाटर से ऊपर पानी पहुंच गया है। पानी का दबाव बढ़ने के कारण रेलवे पुल पर भी खतरा पैदा हो गया है।

असम के कई जिलों में स्थिति गंभीर

असम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 102 लोगों की मौत बाढ़ से और 26 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बारपेटा तथा कोकराझार जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्राधिकरण के मुताबिक राज्य की करीब 25 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। सबसे ज्यादा करीब पांच लाख लोग गोलपाड़ा में बाढ़ के पानी में गिरे हुए हैं। राज्य सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए 101 नौकाओं को लगाया गया है।

केंद्र ने दिया मदद का आश्वासन

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बातचीत कर बाढ़ग्रस्त इलाकों की जानकारी ली। उन्होंने बाढ़ग्रस्त इलाकों में बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में केंद्र सरकार की ओर से मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की राज्य के हालात पर पैनी नजर है और केंद्र सरकार बाढ़ग्रस्त इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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