Satyapal Malik and RI Case: सत्यपाल मलिक और रिलायंस इंश्योरेंस : आखिर मामला है क्या
Satyapal Malik and RI Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस द्वारा कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को तलब किया है।
Satyapal Malik and RI Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायंस जनरल इंश्योरेंस द्वारा कथित भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को तलब किया है। पिछले साल सीबीआई ने इस मामले में सत्यपाल मलिक से पूछताछ की थी। सत्यपाल मलिक ने हाल में एक इंटरव्यू में इस मामले का जिक्र करते हुए कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं।
साल भर पहले हुई थी एफआईआर
पिछले साल अप्रैल में, सीबीआई ने सत्यपाल मलिक द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक समूह चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर दो प्राथमिकी दर्ज की थी।
रिश्वत का आरोप
मलिक ने पिछले साल अपने आरोप में कहा था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 150 -150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें से एक अंबानी से संबंधित थी और दूसरी महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली (पीडीपी-भाजपा गठबंधन) सरकार में एक पूर्व मंत्री से संबंधित थी। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, मलिक ने कंपनी का सौदा यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह 'धोखाधड़ी से भरा' था। उस समय वह जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे।
एक प्राथमिकी में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक चिकित्सा बीमा योजना शुरू करने में कथित घोटाले में आरोपी के रूप में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के साथ-साथ निजी ब्रोकर, मेसर्स ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया था। लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों को कवर करने वाली यह योजना सितंबर 2018 में शुरू की गई थी और इसे मलिक द्वारा एक महीने के भीतर रद्द कर दिया गया था।
आरोप है कि जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के साथ साजिश और मिलीभगत से पदों का दुरुपयोग करके अपराध किया है। किरु पनबिजली परियोजना के सिविल वर्क पैकेज के लिए ठेके देने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित दूसरी प्राथमिकी में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2019 में निजी कंपनी को किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2,200 करोड़ रुपये (लगभग) के ठेके दिए जाने में ई-टेंडरिंग से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
हालिया इंटरव्यू
गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक ने हाल ही में करण थापर के साथ एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव ने उनसे मुलाकात की थी और उन्हें दो परियोजनाओं की फाइलों के निस्तारण में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की संलिप्तता के बारे में बताया था। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उस वक्त पीएम ने उनसे कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कोई समझौता न करें। उनके इस दावे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र सरकार से की थी। जिसे अब केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है।
अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सत्यपाल मलिक ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पापों का पर्दाफाश किया है। शायद इसलिए मुझे बुलाया गया है। मैं किसान का बेटा हूं मैं घबराऊंगा नहीं। मैं सच्चाई के साथ खड़ा हूं।
बहरहाल, चूंकि मलिक ने खुद आरोप लगाए हैं तो संभवतः सीबीआई उनसे उन आरोपों की सच्चाई जानने के लिए पूछताछ करेगी कि क्या मलिक के पास अपने आरोपों के पक्ष में कोई सबूत हैं कि नहीं। सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाये जाने का मतलब मलिक पर किसी प्रकार का दोषारोपण नहीं है।