CDS पर राजनीति! कांग्रेस के आरोपों पर BJP का जवाब, पूर्व सैन्य अधिकारी ने भी घेरा
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) की नियुक्ति पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीडीएस के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति पर कई सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वैचारिक झुकाव की वजह से ही बिपिन रावत को सरकार ने सीडीएस नियुक्त किया है।
नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) की नियुक्ति पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीडीएस के तौर पर जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति पर कई सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वैचारिक झुकाव की वजह से ही बिपिन रावत को सरकार ने सीडीएस नियुक्त किया है।
बता दें कि बिपिन रावत आर्मी चीफ के तौर पर भी कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के निशाने पर रहे। कांग्रेस के एक नेता ने उन्हें सड़क छाप गुंडा तक कह दिया था, जिसके लिए बाद में उन्होंने माफी मांग ली थी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अंत में मिस्टर रावत पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं। सरकार ने निश्चत तौर पर उनके सभी प्रदर्शन और वैचारिक झुकाव को ध्यान रखते हुए नियुक्ति की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना गैर-राजनीतिक संस्था है, जिसके लिए जाति-घर्म और समुदाय से ऊपर उठकर सभी भारतीय को गर्व है।
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पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के सांसद चौधरी ने कहा कि बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का असर गैर राजनीतिक संस्था सेना पर नहीं पड़ना चाहिए। तो वहीं पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बहुत ही अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि सीडीएस के संदर्भ में सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है। इस निर्णय के दुष्प्रभाव के बारे में समय बताएगा।
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मनीष तिवारी ने सवाल करते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला परेशानियों और अस्पष्टताओं से क्यों भरा पड़ा है? उन्होंने सीडीएस के कार्यक्षेत्र को लेकर सवाल करते हुए लिखा कि क्या सरकार को सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से मिलने वाली सलाह से ऊपर सीडीएस का सुझाव होगा?
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तिवारी ने पूछा कि क्या तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षा सचिव की बजाय अब सीडीएस के माध्यम से रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे?' सेना प्रमुख के पद से मंगलवार को सेवानिवृत्ति के बाद जनरल रावत ने नवगठित सीडीएस का पदभार संभाला है। उनकी नियुक्ति का आदेश सरकार द्वारा सोमवार को जारी किया गया था।
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप संस्थानिक विभाजन पैदा करके अपने 'बॉसेज' को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा के ठीक नहीं है।
इसके साथ ही पूर्व सैन्य कर्मियों की तरफ से भी तिवारी के ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया देखने को मिली है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर और अरुणचाल प्रदेश के राज्यपाल बीडी मिश्रा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर तिवारी को जवाब दिया है।
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राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि एक विद्वान वकील और सांसद होने की वजह से मैं मानता हूं कि मनीष तिवारी तथ्य और तर्क पर बहस करेंगे, लेकिन अफसोस यह होना नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि सीडीएस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर ट्वीट करने से पहले वह कम से कम प्रेस रिलीज को पढ़ लेते।
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा ने भी मनीष तिवारी से असहमित जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 के भारत पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, श्रीलंका में पीस कीपिंग फोर्स ऑपरेशन में भाग लेने और दशकों तक सैन्य मामलों के अध्ययन और अनुभव के बाद वैचारिक और पेशेवर आधार पर मैं मनीष तिवारी से असहमत हूं।