आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे भारत-जर्मनी, दोनों देशों में हुए ये बड़े समझौते

दो दिनों के दौरे पर भारत पहुंची जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को औपचारिक स्वागत हुआ। राष्ट्रपति भवन में एंजेला मर्केल राष्ट्रगान के दौरान बैठी रहीं।

Update:2019-11-01 12:11 IST

नई दिल्ली: जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल दो दिनों के भारत दौरे पर पहुंची हैं। एंजेला मर्केल ने शुक्रवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

भारत और जर्मनी के बीच इस दौरान कुल 17 समझौते हुए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।

साझा प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि चांसलर मर्केल जर्मनी और यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्व की लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। पिछले लगभग डेढ़ दशक से चांसलर के रूप में उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों को प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसके लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।

यह भी पढ़ें...अखबार वाला बना अरबपति! ऐसे बदली किस्मत, किया बड़े-बड़े अमीरों को किया पीछे

उन्होंने कहा कि हर दो साल के अंतराल पर होने वाली तीन IGC बैठकों में चांसलर मर्केल के साथ भाग लेने का मुझे सौभाग्य मिला है, इस अनूठी mechanism से हर क्षेत्र में हमारा सहयोग और भी गहरा हुआ है। आज जिन समझौतों, आदि पर हस्ताक्षर हुए हैं, वे इस बात को दर्शाते हैं।



पीएम मोदी ने कहा कि हम आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपने द्विपक्षीय रिश्तों और सहयोग को और भी ज्यादा मजबूत करेंगे। पीएम ने कहा कि हम दोनों देशों के रिश्ते लोकतांत्रिक और कानून पर आधारित हैं। यही कारण है कि दुनिया के बड़े और गंभीर मामलों पर हमारे विचार एक से हैं।

उन्होंने कहा कि हम आभारी हैं कि जर्मनी ने निर्यात नियंत्रण क्षेत्र में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। दोनों देश इन प्रयासों को जारी रखेंगे ताकि आपसी सहयोग बना रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी का फोकस नई और एडवांस तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्किल्स, एजुकेशन और सायबर सिक्युरिटी जैसे मामलों पर सहयोग बढ़ाने पर है।

भारत और जर्मनी के बीच हुए ये समझौते

यह भी पढ़ें...वाट्सएप विवाद: सामने आई ये 20 बड़ी हस्तियां, बताया- कैसे हुई थी उनकी जासूसी

चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी में 20 हजार भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। हमारी इच्छा है कि यह संख्या और बढ़े। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वोकेशनल ट्रेनिंग के लिए टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम भी शुरू हो। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि स्थिर विकास और जलवायु सुरक्षा के लिए हम साथ मिलकर गंभीरता से लंबे समय तक काम करें।



यह भी पढ़ें...झारखंड में आज होगा चुनाव की तारीखों का ऐलान, जानिए क्या है सियासी समीकरण

हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच प्रतिनिधि स्तर की बातचीत भी हुई। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत हुआ। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

एक खास बात यह रही है कि राष्ट्रपति भवन में स्वागत समारोह के दौरान एंजेला मर्केल राष्ट्रगान के दौरान बैठी रहीं। स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्हें यह विशेष छूट दी गई। इसलिए उनके लिए कुर्सी का इंतजाम किया गया था।

यह भी पढ़ें...
CM पद पर बड़ा बयान! संजय राउत बोले- शिवसेना जुटा सकती है बहुमत

राष्ट्रगान के बाद मोदी ने जर्मनी की चांसलर का हाथ मिलाकर अभिवादन किया और उन्हें वहां मौजूद कई अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों से मिलवाया। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। इसके बाद जर्मनी के प्रतिनिधि दल के सदस्यों से पीएम मोदी का परिचय खुद मर्केल ने कराया।



मर्केल ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। यहां उन्होंने कहा कि भारत-जर्मनी के बीच काफी करीबी रिश्ता है। हमारे मन में इस देश की विभिन्नता के प्रति गहरा सम्मान है।

यह भी पढ़ें...दिल्ली: IGI एयरपोर्ट पर बैग में मिला RDX, यात्रियों में दहशत, बढ़ाई गई सुरक्षा

बता दें कि इससे पहले भी देश-विदेश में आयोजित कई औपचारिक समारोह में मर्केल को बैठे देखा गया है। विशेष प्रावधानों के तहत जर्मनी की चांसलर को यह छूट दी गई। औपचारिक स्वागत समारोह में नियम के तौर पर राष्ट्राध्यक्ष खड़े होकर राष्ट्रगान के प्रति सम्मान जाहिर करते हैं।

जर्मनी की चांसलर के स्वास्थ्य को लेकर तब चर्चा हुई जब यूक्रेन के राष्ट्रपति के स्वागत कार्यक्रम के दौरान मर्केल थर-थर कांपने लगी थीं। लेकिन बाद में उनके कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि कम पानी पीने की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें कोई गंभीर समस्या नहीं है।

यह भी पढ़ें...इमरान की खैर नहीं: आज आया वो दिन, जब पूरा पाकिस्तान बरसेगा पीएम पर

शुक्रवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी। इसके अलावा पीएम मोदी के साथ उनके आवास पर भी बैठक करेंगी।शनिवार को जर्मनी की चांसलर कारोबारी जगत के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात करेंगे। दौरे से पहले भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने कहा था कि मोदी और मर्केल के रिश्ते बहुत अच्छे हैं और दोनों किसी भी मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं।

राष्ट्रगान से संबंधित नियम, इनको मिलती है छूट

आई हमको बताते हैं कि भारत में राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े होने के नियम क्या हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय ने मई 2017 में एक पत्र जारी कर स्पष्ट कहा था कि निम्नलिखित व्यक्तियों की श्रेणियों को भारत के राष्ट्रगान के समय खड़े होने से छूट दी गई है।

यह भी पढ़ें...वाट्सएप विवाद: सामने आई ये 20 बड़ी हस्तियां, बताया- कैसे हुई थी उनकी जासूसी

-व्हील चेयर प्रयोक्ता- सेरेब्रल पाल्सी, पार्किंसंस, मल्टीपल सेलेरोसिस, मस्कुलर डिस्ट्राफी तथा अन्य परिस्थितियां

-ऑस्टिज्म से पीड़ित व्यक्ति

-सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित व्यक्ति

-बौद्धिक अक्षमता

-मानसिक बीमारी

-मूक बधिर

-मल्टीपल अक्षमता

-पार्किंसंस, मल्टीपल सेलेरोसिस

-कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति

-मस्कुलर डिस्ट्राफी

यहां खड़ा होना अनिवार्य नहीं

गृह मंत्रालय की नियमावली में कहा गया है कि राष्ट्रगान गाए या बजाए जाने समय लोग खड़े रहेंगे। लेकिन जब किसी न्यूजरील या डॉक्युमेंट्री में, फिल्म के हिस्से में कहीं राष्ट्रगान बजता है तो लोगों से खड़े होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, क्योंकि खड़े होने से फिल्म के प्रदर्शन में खलल पड़ेगी और इससे राष्ट्रगान के प्रति सम्मान के बजाय भ्रम और अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है।

यह भी पढ़ें...शाह से सिद्धू की मुलाकात को लेकर सियासी हलचल हुई तेज, कांग्रेस ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अब फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाना या न बजाना सिनेमाघरों के मालिकों की मर्जी पर निर्भर है।

हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि कोर्ट ने दोनों ही दशाओं में स्पष्ट कहा है कि राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने से दिव्यांगों को छूट मिलती रहेगी।

यह भी है नियम

-राष्ट्रगान जब गाया या बजाया जा रहा हो तो हमेशा सावधान की मुद्रा में खड़े रहें।

-राष्ट्रगान का उच्चारण सही हो तथा इसे 52 सेकंड की अवधि में ही गाया जाए। संक्षिप्त वर्जन 20 सेकंड में गाया जा सकता है।

-राष्ट्रगान जब गाया जा रहा हो तब किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए। उस समय शोरगुल या दूसरे गाने तथा संगीत की आवाज नहीं होनी चाहिए।

-शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगान होने के बाद दिन की शुरुआत करनी चाहिए।

-राष्ट्रगान के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

Tags:    

Similar News