'मेरे धैर्य की परीक्षा मत लो... जल्द भारत लौटो,' प्रज्वल रेवन्ना को दादा व पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की चेतावनी

Prajwal Revanna Case: यौन शोषण में आरोपित जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना इन दिनों विदेश में हैं। पुलिस द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद भी वह अब तक नहीं लौटे हैं। अब सांसद के दादा व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें चेतावनी दी है।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-05-23 14:39 GMT

Prajwal Revanna Case: कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना यौन शोषण मामले में अभी तक फरार हैं। अब इसको लेकर पूर्व प्रधानमंत्री व प्रज्ज्वल रेवन्ना के दादा एचडी देवगौड़ा ने पोते प्रज्वल के लिए चेतावनी जारी की है और उन्हें जल्द से जल्द भारत लौटने के लिए कहा है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मैंने प्रज्वल रेवन्ना को चेतावनी जारी कर दी है कि वह जहां भी हैं तुरंत लौट जाए और यहां (भारत में) कानूनी प्रक्रिया में शामिल हो। उन्हें मेरे धैर्य की और परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।"

मैं प्रज्वल की गतिविधियों के बारे में कुछ नहीं जानता: एचडी देवेगौड़ा

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने एक्स अकाउंट पर दो पन्ने की चेतावनी पत्र जारी की। जिसका शीर्षक ‘प्रज्वल रेवन्ना को मेरी चेतावनी’ था। उस चेतावनी पत्र में पूर्व पीएम ने लिखा, “पिछले कुछ हफ्तों में लोगों ने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ सबसे कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है। मैं लोगों को यह भी नहीं समझा सकता कि मैं प्रज्वल की गतिविधियों के बारे में कुछ नहीं जानता था। मैं उन्हें यह भी नहीं समझा सकता कि मैं उसे बचाने कि कोशिश नहीं कर रहा हूं। मुझे उसकी विदेश यात्रा के बारे में कुछ पता नहीं था। मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने में विश्वास करता हूं। मैं ईश्वर में विश्वास करता हूं और मैं जानता हूं कि भगवान सभी सच जानता है।"

यह कोई अपील नहीं, एक चेतावनी है: एचडी देवेगौड़ा

एचडी देवेगौड़ा ने लिखा, “इस समय मैं केवल एक ही काम कर सकता हूं। मैं प्रज्वल को कड़ी चेतावनी दे सकता हूं और उससे कह सकता हूं कि वह जहां भी है वहां से लौट आए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दे। उन्हें खुद को कानूनी प्रक्रिया के अधीन करना चाहिए।' यह कोई अपील नहीं है, यह एक चेतावनी है, जो मैं जारी कर रहा हूं। यदि उसने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया तो उसे मेरे और अपने परिवार के सभी सदस्यों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। कानून उन पर लगे आरोपों पर ध्यान देगा, लेकिन परिवार की बात न सुनने से उनका पूर्ण अलगाव सुनिश्चित हो जाएगा। अगर उनके मन में मेरे लिए कोई सम्मान बचा है तो उन्हें तुरंत लौटना होगा।'

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