GST Council Meeting: क्या आज ऑटो सेक्टर को मिलेगी राहत?
जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आज 20 सितंबर को गोवा में होने जा रही है। बैठक में राजस्व और आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत को ध्यान में रखने में हुए टैक्स का बोझ हल्का करने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक आज गोवा में होने जा रही है। बैठक में राजस्व और आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत को ध्यान में रखने में हुए टैक्स का बोझ हल्का करने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
विभिन्न उद्योगों की जीएसटी में कटौती की मांग के बीच यह बैठक हो रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की यह 37वीं बैठक है। इसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के न्यूनतम सतर 5 प्रतिशत पर आ गई है।
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आर्थिक नरमी के बीच व्हीकल, बिस्कुट, होटल और रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली कंपनियों समेत कई उद्योग जीएसटी दरों
में कटौती की मांग कर रहे हैं।जीएसटी में कटौती की मांग के पीछे दलील यह दी जा रही है कि इससे खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा।
कई राज्य नहीं हैं कटौती के पक्ष में
हालांकि कई राज्यों का मानना है कि इस समय जीएसटी दर में कटौती की अनुमति कर के लिहाज से बुद्धिमानी भरा निर्णय नहीं होगा। उनका कहना है कि क्षतिपूर्ति सेस कोष में राशि घट गई है।
जीएसटी कानून के तहत इस राशि का इस्तेमाल राज्यों के राजस्व के लक्षित वृद्धि दर से नीचे जाने पर उनकी क्षतिपूर्ति के लिए किया जाता है।
इस बीच सूत्रों के अनुसार जीएसटी परिषद की समायोजन समिति राजस्व की कड़ी स्थिति का हवाला देते हुए बिस्कुट से लेकर कार उद्योग की जीएसटी में कटौती की मांग को खारिज कर चुकी है।समिति में केंद्र एवं राज्यों के राजस्व अधिकारी शामिल हैं।
ऑटो सेक्टर में मंदी-यूज्ड कारों में बूम
ऑटो सेक्टर को राहत की कम संभावना
जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी का मानना है कि ऑटो सेक्टर में रेट कटौती से जीएसटी कलेक्शन पर असर पड़ेगा।क्योंकि इस सेक्टर से सालाना 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन होता है।
वहीं सूत्रों की मानें तो जीएसटी परिषद की समायोजन समिति राजस्व की कड़ी स्थिति का हवाला देते हुए बिस्कुट से लेकर कार उद्योग की जीएसटी में कटौती की मांग खारिज कर दी है।
होटल इंडस्ट्री को मिल सकती है राहत
हालांकि होटल इंडस्ट्री को जीएसटी में राहत मिल सकती है।अभी 7500 रुपये प्रति नाइट स्टे से ज्यादा चार्ज करने वाले लग्जरी होटल पर 28 फीसदी का जीएसटी लगता है।
सूत्रों के मुताबिक टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के आह्वान को देखते हुए 10 से 12 हजार रुपये प्रति नाइट स्टे तक चार्ज करने वाले होटलों के लिए जीएसटी रेट घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है। इसी तरह आउटडोर कैटरर्स पर अभी 18 फीसदी टैक्स लगता है, उन्हें भी राहत मिल सकती है।
उम्मीद से कम जीएसटी कलेक्शन
फिटमेंट समिति के मुताबिक अगस्त, 2019 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 98,202 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 93,960 करोड़ की तुलना में 4.51 प्रतिशत अधिक था।
जीएसटी संग्रह स्तर हालांकि साल-दर-साल आधार पर अधिक था, फिर भी सरकार की उम्मीद के मुताबिक एक लाख करोड़ रुपये से कम था।
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