नई दिल्ली: भारतीय रेल के जयपुर रेलवे स्टेशन पर 'अपशिष्ट से ऊर्जा' संयंत्र बनाने की बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी योजना को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिस वजह से रेल नेटवर्क में इस तरह का पहले ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र की शुरुआत करने में देरी हो रही है।
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जयपुर और उसके बाद नई दिल्ली में संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया दो वर्ष पहले शुरू की गई थी और सफल बोली लगाने वाले ने इसके लिए मशीनरी और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था कर ली थी। लेकिन खरीद प्रक्रिया में जीएसटी-अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है, जिस वजह से परियोजना में देरी हो रही है।
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जयपुर संयंत्र प्रतिदिन पांच टन के ठोस कचरे का प्रबंधन करेगा, जबकि नई दिल्ली के प्लांट में प्रतिदिन 10 टन के प्रबंधन की क्षमता होगी। इस प्रक्रिया में पृथक्करण, पुनर्चक्ररण और अपशिष्ट को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया शामिल है।
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रेलवे के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई 'राइट्स' ने कार्पोरेट के सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत इस परियोजना को लागू करवा रही है और रेलवे ने प्लांट की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध करवाई है।
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने परियोजना में देरी को स्वीकारते हुए आईएएनएस से कहा, "रेलवे द्वारा इस तरह की पहली परियोजना पर काम किया जा रहा है, सीखने के अनुभव के तौर पर कई सारे मुद्दे हैं, जो हमें सुलझाने हैं। जब तक खरीद प्रक्रिया में पूरी तरह से जीएसट-अनुपालन नहीं होता है, रेलवे भुगतान नहीं कर सकता है।"
उन्होंने कहा, "इसके अलावा, सफल बोली लगाने वालों के पक्ष से भी बैंक गारंटी का प्रबंध करने में देरी हो रही है, क्योंकि हालिया बैंक घोटालों ने प्रक्रिया को काफी मुश्किल बना दिया है।"
इस परियोजना के अंतर्गत जैव निम्नीकरणीय और गैर निम्नीकरणीय कचरे के बीच पृथक्करण किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, एक टन जैव निम्नीकरणीय कचरे से 100 यूनिट की बिजली पैदा होगी। इन प्लांटों से उत्पादित ऊर्जा का रेलवे स्टेशन के समीप या सही जगहों पर उपयोग किया जाएगा।
अधिकारी ने हालांकि आशा जताई कि जीएसटी मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा और जयपुर में पहले संयंत्र की जल्द ही स्थापना की जाएगी और उसके बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में अगले प्लांट की स्थापना की जाएगी।
रेलवे ने सभी जोन और उत्पादन इकाई को ठोस कचरा प्रबंधन प्रतिष्ठानों की स्थापना के निर्देश दिए हैं, जिसमें पृथक्करण और अपशिष्ट प्रसंस्करण विधियां शामिल हैं।
जयपुर और नई दिल्ली के अलावा, रेलवे इस तरह के संयंत्र की स्थापना पटना, सिकंदराबाद, चेन्नई और वाराणसी में करेगा।
--आईएएनएस