बहादुर आदिवासी महिला: 6 नकस्लियों का अकेले किया सामना, सुने इनकी कहानी

बुधवार रात करीब 8 से 9 बजे के बीच उग्रवादी संगठन PLFI के सब जोनल कमांडर बसंत गोप 5 से 6 नक्सलियों के साथ विनीता के घर धावा बोल दिया। आरोप है कि नक्सली वहां पर विनीता के पति की हत्या करने के उद्देश्य से आए थे।

Update:2020-05-07 12:05 IST

गुमला: आपने अक्सर सुना होगा कि वक्त आने पर औरत दुर्गा का रूप भी ले सकती है और दुष्टों का नाश भी कर सकती है। इस किस्से को सच कर दिखाया है झारखंड के गुमला जिले की एक बहादुर आदिवासी बेटी ने। गुमला जिले के टोली गांव में रहने वाली विनीता उराव ने हिम्मत दिखाते हुए ना सिर्फ नक्सलियों का सामना किया बल्कि अपने पूरे परिवार की रक्षा भी की।

विनीता ने ऐसे किया नक्सलियों का सामना

पुलिस के बताया कि बुधवार रात करीब 8 से 9 बजे के बीच उग्रवादी संगठन PLFI के सब जोनल कमांडर बसंत गोप 5 से 6 नक्सलियों के साथ विनीता के घर धावा बोल दिया। आरोप है कि नक्सली वहां पर विनीता के पति की हत्या करने के उद्देश्य से आए थे। नक्सली फायरिंग करते हुए दरवाजा तोड़कर उसके घर में घुस आए थे।

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परिवार की जान को खतरे में देख जुटाई हिम्मत

जब विनीता ने अपने पति और परिवार की जान को खतरे में देखा तो उसने हिम्मत दिखाते हुए अकेली ही नक्सलियों से भीड़ गई। उसने टांगी (हंसिया जैसा हथियार) उठाया और सबसे पहले बहादुरी दिखाते हुए नक्सली कमांडर बसंत गोप को निशाना बनाया। कमांडर को घायल देख वहां मौजूद सभी नक्सली घबरा गए और वहां से अपने कमांडर को लेकर भागने लगे। लेकिन रास्ते में ही कमांडर की मौत हो गई।

छापेमारी के दौरान मिला कमांडर का शव

इस बीच परिजनों ने एसपी एचपी जनार्दन को घटना की जानकारी दी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस पूरे गांव में कैंप में जुट गई। छापेमारी के दौरान नक्सली कमांडर का शव जंगल से बरामद हुआ। उसका शव लकड़ी में बंधा हुआ था। ऐसा संभावना जताई जा रही है कि नक्सली कमांडर को उसके साथी लकड़ी में बांधकर कंधे में टांगकर भाग रहे होंगे, लेकिन इस दौरान जंगल में ही उसकी मौत हो गई।

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दो साल पहले नक्सलियों ने की थी ससुर की हत्या

बताया जा रहा है कि विनीता का परिवार पहले से ही नक्सलियों के निशाने पर था। करीब दो साल पहले पीएलएफआई नक्सलियों ने विनीता के ससुर शनिचरवा उरांव की लेवी के लिए हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से यह परिवार रांची में रहकर मजदूरी करके रोजी रोटी कमाता है। कोरोना के चलते वे अपने गांव गए हुए थे, जहां पर नक्सलियों ने उनके घर पर हमला कर दिया।

दरवाजे पर ही ढेर हुआ कमांडर

बहादुर विनीता ने पुलिस को बताया कि जब नक्सलियों ने हमला किया तो वह काफी डर गई थी, लेकिन परिवार को मुश्किल में देख उसने हिम्मत दिखाई और खुद का बचाव करने के लिए टांगी से ही उन नक्सलियों पर हमला कर दिया। लगातारन टांगी के हमले से नक्सली कमांडर घर के दरवाजे पर ही ढेर हो गया।

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गांव वालों ने सरकार और प्रशासन के सामने रखी ये मांग

विनीता की इस बहादुरी से गांवों के लोगों का दिल जीत लिया। गांव वालों की मांग है कि सरकार और प्रशासन को विनीता को सम्मानित करना चाहिए और वह उसके पूरे परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें। बता दें कि मारा गया नक्सली कमांडर बसंत गोप दर्जनों आपराधिक कांड में शामिल था। वह गुमला जिले में आतंक का पर्याय था, कमांडर के मारे जाने से पुलिस ने राहत की सांस ली है।

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