NRC पर HC ने कहा! फैसलों में खामियों की भरमार
गौरतलब है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 288 मामलों की जांच करते हुए पाया कि 57 मामले में “विसंगतियां” शामिल थीं। कोर्ट ने अपने आदेश के माध्यम से कहा कि असम सरकार और उसके गृह और राजनीतिक विभाग के उप सचिव की एक रिपोर्ट के
नई दिल्ली: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने विदेशियों के ट्रिब्यूनल की कार्य-पद्धति पर सख्त ऐतराज जताया है, बताया जा रहा है कि असम में जिस फॉरेन ट्रिब्यूनल के हाथों 19 लाख विदेशियों की किस्मत है, उसके फैसलों में काफी खामियां पाई गई हैं। इस संबंध में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।
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दरअसल, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने विदेशियों के ट्रिब्यूनल की कार्य-पद्धति पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि सामान्य तौर पर फॉरेन ट्रिब्यूनल के पूर्व सदस्यों के खिलाफ आदेशों में विसंगतियों को लेकर की गई कार्रवाई को अनुशासनात्मक या कुछ और कहा जा सकता है।
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बताते चलें कि एनआरसी लागू होने के बाद हटाए गए 19 लाख लोगों की किस्मत अधर में है। साथ ही राज्य के फॉरेन ट्रिब्यूनल द्वारा उन्हें बाहर करने के बाद उनको नागरिक रजिस्टर में जगह नहीं मिली।
कोर्ट का आदेश...
गौरतलब है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 288 मामलों की जांच करते हुए पाया कि 57 मामले में “विसंगतियां” शामिल थीं। कोर्ट ने अपने आदेश के माध्यम से कहा कि असम सरकार और उसके गृह और राजनीतिक विभाग के उप सचिव की एक रिपोर्ट के मुताबिक 57 मामलों में विसंगतियों का पता लगाया गया था।
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वहीं, रिपोर्ट में पाया गया कि 32 मामलों में व्यक्तियों को एक तरफा निर्णय में विदेशी घोषित किया गया। लेकिन, उसके बाद बिना पुराने आदेश को बदले उन्हें भारतीय घोषित कर दिया गया।
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गौरतलब है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने विदेशियों के ट्रिब्यूनल की कार्य-पद्धति पर सख्त ऐतराज जताया है, बताया जा रहा है कि असम में जिस फॉरेन ट्रिब्यूनल के हाथों 19 लाख विदेशियों की किस्मत है, उसके फैसलों में काफी खामियां पाई गई हैं। इस संबंध में गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।