'प्लानिंग के तहत हुई हिंसा, पेट्रोल बमों से टीम पर किया गया हमला', हल्द्वानी में मचे हड़कंप का DM ने खोला राज

Haldwani Violence: हल्द्वानी के जिलाधिकारी ने बताया कि, हिंसा प्लानिंग के तहत हुई। टीम पर हमले के लिए पहले से पत्थर रखे गए थे। हिंसा की वजह से शहर में कर्फ्यू लगाया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है।

Newstrack :  Network
Update:2024-02-09 22:33 IST

नैनीताल डीएम वंदना सिंह और घटना के बाद का नजारा (Social Media)  

Haldwani Violence: हल्द्वानी में हुई हिंसा के बीच नैनीताल डीएम वंदना सिंह (Nainital DM Vandana Singh) ने कहा है, कि 'हाईकोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सभी को नोटिस और सुनवाई का समय दिया गया। कुछ लोग हाईकोर्ट गए, जबकि कुछ को समय मिला और कुछ को नहीं।' उन्होंने बताया, 'जहां समय नहीं दिया गया, वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई। ये इकलौती घटना नहीं थी। किसी विशेष संपत्ति को निशाना बनाने से काम नहीं किया गया।'

वीडियो दिखाकर DM बोलीं- किसी को भड़काया नहीं गया

नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार (09 फरवरी) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हल्द्वानी में हुई हिंसा की जानकारी दी। उन्होंने मीडिया को जानकारी देने से पहले एक वीडियो दिखाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि, 'वीडियो में आप सभी लोग देख सकते हैं कि पुलिस फोर्स या प्रशासन ने किसी को भड़काने का काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि, किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इसके बाद भी कार्रवाई के लिए पहुंची नगर निगम और पुलिस-प्रशासन की टीम पर हमला किया गया।'

धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं था मदरसा-मस्जिद

हल्द्वानी के जिस बनभूलपुरा इलाके में अवैध रूप से बने हुए मदरसे और मस्जिद को गिराया गया, उसे लेकर डीएम ने कहा, 'ये एक खाली संपत्ति थी, जिस पर दो इमारतें बनी हुई थीं। इन्हें कहीं पर भी धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया था और न ही इन्हें इस तरह की कोई मान्यता मिली हुई थी।' उन्होंने ये भी बताया, 'कुछ लोग इन्हें मदरसा और नमाज स्थल कहते हैं। कागजों में ये जगह मलिक के बगीचे के तौर पर नहीं, बल्कि नगर निगम की संपत्ति के तौर पर दर्ज है। लोग इसे मलिक के बगीचे के तौर पर जानते हैं।' डीएम ने बताया कि इन इमारतों पर नोटिस लगाया गया था और उन्हें तीन दिनों के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया था। 

'संपत्ति पर नहीं थी रोक, तभी हुआ एक्शन'

डीएम ने आगे बताया, 'संपत्तियों पर किसी तरह कोई रोक नहीं थी, जिसके बाद हमने तोड़फोड़ अभियान जारी रखने का फैसला किया। अलग-अलग जगहों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीम और मशीनें वहां पहुंचीं। किसी को भी उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया। उन्होंने बताया, जान-माल को नुकसान पहुंचाने के लिए (पुलिस और प्रशासन द्वारा) कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई बिल्कुल शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुई। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर अराजक तत्वों की भीड़ ने हमारी नगर निगम सहयोगी टीम पर हमला कर दिया। हमारी टीम पर पत्थरों के जरिए हमला किया गया।'

प्लानिंग के तहत हुआ हमला

नैनीताल डीएम ने कहा, 'तोड़फोड़ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। रोकथाम के लिए फोर्स भी तैनात की गई थी। इसी दौरान हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया।' उन्होंने कहा, 'आपने भी देखा कि किस तरह से 30 जनवरी के वीडियो में छतों पर कोई पत्थर नहीं है। जिस दौरान हाईकोर्ट में सुनवाई चल ही थी, उसी दौरान छतों पर पत्थर इकट्ठे किए गए। इस तरह ये प्लान किया गया था कि जिस दिन कार्रवाई होगी उस दिन हमला किया जाएगा।'

DM- हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया

उन्होंने बताया, 'पत्थरों के हमले के बाद भी जब हमारी टीम पीछे नहीं हटी तो तुरंत पत्थरों के साथ आने वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। फिर दूसरी भीड़ आई, जिसके पास पेट्रोल बम थे। ये अकारण किया गया हमला था। हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था।'

सांप्रदायिक नहीं थी घटना: डीएम

डीएम ने बताया कि, भीड़ ने पुलिस स्टेशन को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह (घटना) सांप्रदायिक नहीं थी। उन्होंने कहा कि, मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाएं। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने की कोशिश थी।'

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