आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण के खिलाफ न्यायालय में आठ अप्रैल को सुनवाई

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिये आया था। केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वह और अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के समक्ष एक अन्य मामले में बहस कर रहे हैं।

Update:2019-03-28 14:42 IST

नयी दिल्ली: न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सभी वर्गों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आठ अप्रैल को सुनवाई की जायेगी।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिये आया था।

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वह और अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के समक्ष एक अन्य मामले में बहस कर रहे हैं।

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मेहता ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे को लेकर दायर इन याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपे जाने के बारे में अटार्नी जनरल को कुछ कहना है।

याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ को ही करनी चाहिए।

पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद इस मामले को आठ अप्रैल के लिये सूचीबद्ध कर दिया।

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शीर्ष अदालत ने 11 मार्च को कहा था कि वह इस समय सभी वर्गों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 फीसदी आरक्षण के मुद्दे को संविधान पीठ को सौंपने के बारे में कोई आदेश पारित करने के पक्ष में नहीं है।

पीठ ने कहा था कि 28 मार्च को इस बारे में विचार किया जायेगा कि क्या इसे संविधान पीठ को सौंपने की आवश्यकता है।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले दस फीसदी आरक्षण के सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था लेकिन उसने इस कानून की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था।

(भाषा)

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