झारखंड में अपनों से घिरी हेमंत सोरेन सरकार, छठ गाइडलाइन में संशोधन की मांग
हेमंत सोरेन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने कहा है कि, छठ महापर्व लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा प्रश्न है। लिहाज़ा, सरकार छठ गाइडलाइन में संशोधन करते हुए सीमित संख्या में छठ व्रतियों को घाटों में जाने की अनुमति दे।
रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार मुश्किल में घिरती नज़र आ रही है। छठ गाइडलाइन को लेकर पहले विपक्ष और अब सहयोगी दल कांग्रेस ने संशोधन की मांग की है। कोरोना महामारी को लेकर सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ करने से मना कर दिया है। भाजपा जहां इसे हिंदू विरोधी और तुष्टीकरण की नीति बता रही है वहीं, सरकार की सहयोगी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से गाइडलाइन को लचीला बनाने की मांग की है। इससे पहले सत्ताधारी दल झामुमो भी सीएम से गाइडलाइन में बदलाव की मांग कर चुकी है।
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कांग्रेस ने अपने ही सरकार को घेरा
हेमंत सोरेन सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने कहा है कि, छठ महापर्व लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा प्रश्न है। लिहाज़ा, सरकार छठ गाइडलाइन में संशोधन करते हुए सीमित संख्या में छठ व्रतियों को घाटों में जाने की अनुमति दे। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि, भाजपा को ऐसे मौकों पर सियासत नहीं करनी चाहिए। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को मानते हुए राज्य सरकार कड़ाई के साथ कोविड-19 के गाइडलाइन को फॉलो कर रही है।
लोगों की जान को सुरक्षित रखने के लिए ही राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है। हालांकि, छठ महापर्व के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए सरकार से संशोधन की मांग की गई है। उन्होने कहा कि, भाजपा को इसपर राजनीति करने से पहले बिहार और यूपी सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर लेना चाहिए।
झामुमो ने भी गाइडलाइन पर उठाए सवाल
सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी मुख्यमंत्री से छठ गाइडलाइन में बदलाव की मांग की है। पार्टी की ओर से केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर संशोधन की मांग की है। उन्होने कहा है कि, कोविड काल में ही सरहुल, रामनवमीं, ईद, ईस्टर, दुर्गा पूजा और दिवाली समेत अन्य त्योहार को लोगों ने सरकार के दिशा-निर्देशों को मानते हुए मनाया है। लिहाज़ा, छठ महापर्व को लेकर भी सरकार सीमित संख्या में छठ घाटों तक व्रतियों को जाने की अनुमति दे।
भाजपा ने बताया हिंदू विरोधी
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने हिंदू विरोधी बताया है। गाइडलाइन जारी होने के साथ ही पार्टी की ओर से लगातार विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर गाइडलाइन में बदलाव की मांग की है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि, राज्य सरकार अपना तुग़लकी फरमान वापस ले। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि, कोरोना महामारी को भी रोके और आस्था के साथ खिलवाड़ भी न करे।
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उन्होने कहा कि, राज्य सरकार को ऐसे निर्णय लेने से पहले धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ बात करनी चाहिए। भाजपा सांसद संजय सेठ ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति बताया है। उन्होने कहा है कि, सरकार वर्ग विशेष को खुश करने के लिए हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने भी सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए तुग़लकी फरमान वापस लेने की मांग की है। विरोध स्वरूप भाजपा नेताओं ने छठ घाटों में डूबकर विरोध प्रदर्शन किया। बहरहाल, छठ गाइडलाइन को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच सरकार ने अबतक संशोधन के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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