हाईकोर्ट का आदेश: लॉकडाउन के चलते दोषियों को नहीं मिलेगी जमानत
पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन है। इसके चलते कोर्ट में कार्यवाही भी बंद है। लेकिन सिर्फ बहुत जरूरी केसों की ही सुनवाई हो रही है।
नई दिल्ली : पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन है। इसके चलते कोर्ट में कार्यवाही भी बंद है। लेकिन सिर्फ बहुत जरूरी केसों की ही सुनवाई हो रही है। बता दें कि शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जमानत याचिका सुनने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि राज्य में लॉकडाउन है।
ये भी पढ़ें...खुशखबरी: अमेरिका ने बनाई कोरोना की वैक्सीन, चूहों पर टेस्ट सफल
लॉकडाउन का उल्लंघन कर लाखों लोगों की जान को खतरे में
लॉकडाउन के चलते जस्टिस एएम बदर ने जमानत याचिका खारिज करने से पहले कहा, "एक दोषी या आरोपी को जमानत देकर लॉकडाउन का उल्लंघन कर लाखों लोगों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता है। इसलिए इस केस को 'एक्स्ट्रीम अर्जेंट मैटर' नहीं माना जा सकता है।"
इसके अलावा हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि जमानत याचिका पर सुनवाई लॉकडाउन के बाद की जाएगी। बता दें, कोर्ट सोपन रमेश लांजेकर की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सोपन रमेश एक चीटिंग केस में आरोपी है।
बता दें कि इससे पहले सरकारी वकील ने भी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस केस में ऐसा कुछ भी नहीं है कि इसे बहुत जरूरी मान लिया जाए।
हाई कोर्ट ने कहा, 'राज्य में लॉकडाउन है। अन्य ऑफिस की तरह कोर्ट के ऑफिस भी बंद हैं। ऐसे में बहुत ही कम स्टाफ रखकर सिर्फ अत्यंत आवश्यक मामलों में ही सुनवाई की जा रही है। ऐसे में किसी आरोपी की जमानत याचिका की सुनवाई राज्य सरकार के लॉकडाउन आदेश का उल्लंघन होगा।'
ये भी पढ़ें...डॉक्टरों पर हमले में बड़ा खुलासा, इस समोसे वाली चाची ने कराई पत्थरबाजी