Adani Group: कॉमनसेन्स से परे है अडानी ग्रुप का स्पष्टीकरण- हिंडनबर्ग
Adani Group: हिंडनबर्ग ने अडानी के स्पष्टीकरण के जवाब में कहा - अडानी हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहा है।
Adani Group: अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित व्हिसल-ब्लोअर हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक हेरफेर से संबंधित आरोपों पर अडानी ग्रुप का 413 पेज का खंडन 'सामान्य ज्ञान की अवहेलना' करता है।
जवाब नहीं दिए
हिंडनबर्ग ने अडानी के स्पष्टीकरण के जवाब में कहा - अडानी हमारे 88 सवालों में से 62 का विशेष रूप से जवाब देने में विफल रहा है। ग्रुप ने जो जवाब भी दिए हैं उनमें हमारे सवालों की या तो पुष्टि की गयी है या हमारे निष्कर्षों को दरकिनार करने का प्रयास किया गया है।'
हिंडनबर्ग ने कहा है कि – मुद्दे की बात करें तो अडानी के 413 पन्नों वाले जवाब में हमारी रिपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित लगभग 30 पेज शामिल हैं। बाकी प्रतिक्रिया में 330 पेज तो अदालतों के रिकार्ड के हैं, 53 पेज उच्च स्तरीय वित्तीय, सामान्य जानकारी और अप्रासंगिक कॉर्पोरेट पहलों पर विवरण, जैसे कि यह महिला उद्यमिता और सुरक्षित सब्जियों के उत्पादन को कैसे प्रोत्साहित करता है जैसी बातों के बारे में है।
अडानी ग्रुप ने सुनियोजित हमला बताया
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को एक 'अनैतिक शार्ट सेलर' बताते हुए कहा था कि वह प्रतिभूति धोखाधड़ी करके अप्रत्याशित लाभ कमाता है। अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर एक सुनियोजित हमला भी कहा था।
जवाबी हमला
अडानी के हमले का जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी ग्रुप द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है और वह खुद को भारतीय ध्वज में लपेट कर भारत को सिस्टेमेटिक तरीके से लूट रहा है। हिंडनबर्ग ने कहा है कि - हम यह भी मानते हैं कि धोखाधड़ी, धोखाधड़ी ही है, भले ही यह दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक द्वारा की गयी हो।
अडानी का एफपीओ
अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3,112-3,276 रुपये के एफपीओ प्राइस बैंड से काफी नीचे फिसलने के बावजूद, कंपनी ने कहा है कि वह न तो कीमत में बदलाव करेगी और न ही शेड्यूल में।
अडानी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का समय संदिग्ध था और ऐसा लगता है कि 31 जनवरी को समाप्त होने वाले अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) द्वारा 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक प्रस्ताव (एफपीओ) को विफल करने के लिए ये टारगेट किया गया था।