हिन्दू संघर्ष समिति ने PFI का किया विरोध,पूरे देश में बैन लगाने की मांग

हिन्दू संघर्ष समिति ने तमिलनाडू में दलित हिन्दू रामलिंगम की वीभत्स हत्या के विरोध में उन्हें न्याय दिलाने के लिए विजय चौक पर रोष प्रदर्शन किया। हिन्दू संघर्ष समिति हमेशा पीएफआई का विरोध किया है तथा उसके ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने हेतु पीएफआई की पोल खोलने वाली एक बुकलेट भी जारी की थी।

Update: 2019-02-20 11:58 GMT

हिन्दू संघर्ष समिति ने तमिलनाडू में दलित हिन्दू रामलिंगम की वीभत्स हत्या के विरोध में उन्हें न्याय दिलाने के लिए विजय चौक पर रोष प्रदर्शन किया। हिन्दू संघर्ष समिति हमेशा पीएफआई का विरोध किया है तथा उसके ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने हेतु पीएफआई की पोल खोलने वाली एक बुकलेट भी जारी की थी। समिति के झारखंड के अध्यक्ष विनय सिंह की अपील पर झारखंड में लव जेहाद और ज़मीन क़ब्ज़ाओं जेहाद के साथ साथ देश विरोधी गतिविधियों के संचालन में लिप्त पाये जाने पर , झारखंड सरकार ने इस पर बैन लगाया है।अब हिन्दू संघर्ष समिति इस पर पूरे देश में बैन लगाने की मांग कर रही है।

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समिति के दिल्ली के नेता विशाल शाक्यवंश ने कहा देश की मीडिया ने बड़ी मेहनत से पीएफआई के आतंकी मॉड्यूल की पोल खोली है। उसके बावजूद भी सरकार इस पर तुरंत प्रभाव से देश व्यापी बैन क्यूँ नहीं लगा रही ये हैरानी की बात है? दक्षिण भारत के सौ से ज्यादा संघ और अन्य हिन्दू संगठनों के नेताओं की लक्षित हत्या में पीएफआई की सीधे संलिप्तता के सबूत मिले है।

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इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकी संगठनों से पीएफआई के सीधे संबंध है , ये सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का नया स्वरूप है। ये लोग ज़बरन धर्मातरण, मजहबी उन्माद फैलाने, हत्यायें करने में लिप्त है। इनके कार्यकर्ताओं से हथियार और गोला बारूद भारी मात्रा में बरामद हुआ है।

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समिति के महामंत्री विद्याभूषण का कहना है तमिलनाडू में महान हिन्दू योद्धा रामलिंगम की वीभत्स हत्या करने वाले 4 आरोपियों को जब अदालत लाया जा रहा था तो 2000 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ता और 500 से ज्यादा बुर्कानशीं महिला कार्यकर्ताओं की भीड़ सड़क के दोनों ओर खड़े हो कर तालियां बजाते हुये और अल्लाह हू अकबर चिल्लाते हुये उनको अपना समर्थन दे रही थी।

पीएफआई ने इन चारों को हर प्रकार की विधिक सहायता देने की घोषणा करते हुये इनके परिवारों के आजीवन देखभाल के खर्चे के साथ साथ वकीलों और विधिक खर्चे की पूरी जिम्मेदारी उठाने की घोषणा की है।

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इस हेतु एक अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें तमिलनाडु और केरल सहित दुनिया भर के तमाम मुसलमानों (भारत के अन्य राज्यों में रहने वाले इस्लामिक कार्यकर्ताओं सहित खाड़ी देशों में कार्यरत एनआरआई से भी) आर्थिक सहयता देने की अपील की जा रही है। 10 फरवरी 2019 को दोपहर 2 बजे तक इस हेतु 32 लाख 78 हज़ार 800 रुपये जमा किये जा चुके हैं।आज तक का ऑंकडा एक करोड़ ,सात लाख , छत्तीस हज़ार है।

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इस अवसर पर तमिलनाडू के हिन्दू नेता अर्जुन संपत ने कहा कि ये घटनायें सरकार की ऑंखें खोलने हेतु पर्याप्त है मै आज के रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बीरेन्द्र कुमार और दीक्षा कौशिक के साथ सरकार को ज्ञापन देता हूँ कि पीएफआई को तुरंत प्रभाव देश भर में बैन किया जाये।

धरने में सुप्रीम कोर्ट के अघिवक्ता अभिषेक शर्मा, अमित कुमार,अंकित मिश्रा पुन्नूस्वामी, बलदेव सिंह चीमा और हंसराज कुमार इत्यादि मौजूद रहे।

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