अंडरवर्ल्ड डॉन ‘छोटा राजन’ का राइट हैंड कैसे बना जूना अखाड़े का संत, जानिए प्रकाशानंद गिरि की हिस्ट्री
Prakashanand Giri: प्रेम प्रकाश पांडेय उर्फ पीपी जिन्हें आज दुनिया प्रकाशानंद गिरि के तौर पर जान रही है उनका इतिहास क्या है? शुरुआत के दिनों में उनका अंडरवर्ल्ड डॉन ‘छोटा राजन’ और दाऊद इब्राहिम से क्या रिश्ता था इसे शायद ही कोई जानता होगा। जानिए पीपी उर्फ़ प्रकाशानंद गिरि की पूरी कुंडली।
Prakashanand Giri: इस समय बवाल इस बात को लेकर मचा हुआ है कि प्रकाशानंद गिरि को मंडलेश्वर क्यों बना दिया गया है। दरअसल प्रकाशानंद गिरि पहले अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का राइट हैंड हुआ करते थे बाद में जेल में रह कर उन्होंने साधना की और अब वो जूना अखाड़े के संत बन गए हैं। उन्हें खुद थानापति राजेंद्र गिरी महाराज ने जेल में पहुंच कर गुरु दीक्षा दी और साथ ही उनका नामकरण प्रकाशानंद गिरी के रूप में किया। सिर्फ यही नहीं उन्होंने प्रकाशानंद गिरि को जूना अखाड़े के गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर महादेव मंदिर, मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर और काला मुनि मंदिर समेत आधा दर्जन मंदिरों का महंत भी घोषित कर दिया। जिसके बाद मंडलेश्वर में बवाल मच गया।
प्रकाश पांडे कैसे बना बदमाश
प्रकाश पांडे के बारे में कहा जाता है कि वो मूल रूप से अल्मोड़ा के खनौइया गांव का रहने वाला है। बचपन में ही पीपी की मां का देहांत हो गया था जिसके बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। बाद में सौतेली मां के अत्याचार से पीपी झगड़ालू किस्म का इंसान बनता चला गया। एक दिन तो पीपी ने अपने स्कूल में अपने से दो क्लास सीनियर छात्र को क्लासरूम में ही बुरी तरह पीट दिया। यह उसका पहला अपराध था और इसी अपराध के बाद उसका मन बढ़ता चला गया। 18 साल की उम्र आते- आते पीपी अल्मोड़ा का सबसे नामी बदमाश बन गया था। ऐसा करते करते ही एक दिन वह छोटा राजन का राइट हैंड भी बन गया।
जानिए कौन है प्रकाशानंद गिरि उर्फ़ पीपी पांडेय
अंडर वर्ल्ड डॉन छोटा राजन और दाऊद इब्राहिम को तो हर कोई जानता ही है। मुंबई ब्लास्ट के बाद दोनों के बीच टकराव हुआ उसके बाद से ही पीपी पांडेय छोटा राजन के गैंग में शामिल हो गया। धीरे- धीरे वह छोटा राजन का राइट हैंड बन गया। पीपी पांडेय के क्राइम हिस्ट्री की बात करें तो उसके ऊपर हत्या- रंगदारी सहित 60 से ज्यादा केस दर्ज हैं। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट में भी पीपी का हाथ सामने आया था। हालांकि बाद में पीपी पांडेय की गिरफ़्तारी हो गई थी। लेकिन वह आर्थर जेल से फरार होकर अपनी गर्लफ़्रेंड के साथ वियतनाम पहुंच गया। बाद में उसकी गिरफ्तारी भी वियतनाम से ही हुई।
अल्मोड़ा जेल में बना महात्मा
गिरफ़्तारी के बाद पीपी पांडेय जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जेल में रखा गया था जहां 14 साल जेल में रहकर पीपी पांडेय महात्मा बन गया। इसी साल मार्च में उसने नेपाल के प्रसिद्ध नाथ सम्प्रदायाचार्य दंडीनाथ जी महाराज से गुरु दीक्षा ली थी। वहीं अब पीपी पांडेय ने श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के थानापति राजेंद्र गिरि जी महाराज से भी दीक्षा ली है। इसी के साथ उसे जूना अखाड़े के करीब आधा दर्जन मंदिरों का महंत भी घोषित किया गया है। जेल में गुरु दीक्षा देने के बाद थानापति राजेंद्र गिरी महाराज ने यह कहा कि दीक्षा के बाद आगे की प्रक्रिया साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ में पूरी की जाएगी।