हनी ट्रैप प्रकरण! शासन के हाथ पांव फूले, 9 दिन में बनीं 3 SIT
दरअसल, 23 सितंबर को एसआईटी जांच के लिए डीजीपी डी. श्रीनिवास वर्मा की अगुवाई में टीम गठित की गई थी, वह इंदौर के लिए रवाना हो पाते कि उससे पहले 24 सितंबर को दूसरी एसआईटी बनाई गई, दूसरी एसआईटी में प्रमुख संजीव शमी को बनाया गया, बताया जा रहा है कि शमी ने तेजी से
भोपाल: मध्य प्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप प्रकरण में दिन-प्रतिदिन नये-नये खुलासे हो रहे हैं, साथ ही इस मामले में नये चेहरे सामने आ रहे हैं, हनी ट्रैप काण्ड के संदंर्भ में जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी का तबादला कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि तबादला होने के साथ-साथ ही नई एसआईटी का गठन किया गया है। राज्य में हड़कंप मचाने वाले इस कांड की जांच के लिए बनी एसआईटी में नौ दिन के भीतर यह तीसरा बदलाव है। इससे पहले भी दो बार एसआईटी प्रमुख बदले गए, जिसपर सवाल उठ रहे हैं।
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दरअसल, 23 सितंबर को एसआईटी जांच के लिए डीजीपी डी. श्रीनिवास वर्मा की अगुवाई में टीम गठित की गई थी, वह इंदौर के लिए रवाना हो पाते कि उससे पहले 24 सितंबर को दूसरी एसआईटी बनाई गई, दूसरी एसआईटी में प्रमुख संजीव शमी को बनाया गया, बताया जा रहा है कि शमी ने तेजी से काम करना शुरू भी कर दिया था, तब उनको भी हटा दिया गया।
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नेता, नौकरशाह से लेकर कारोबारी तक...
मध्य प्रदेश का बहुचर्चित हनी ट्रैप प्रकरण में सेक्स कांड की महिला किरदारों की जद में सिर्फ मध्य प्रदेश के ही नेता, नौकरशाह और कारोबारी नहीं आए हैं, बल्कि उनका जाल छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गोवा तक फैला हुआ था।
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खबर ये भी है कि छत्तीसगढ़ के नेताओं ने तो इन महिलाओं को हवाला के जरिए और सीधे भोपाल तक रकम भेजने का काम किया
मंत्री और अफसर भी जाल में...
बताते चलें कि हनी ट्रैप सेक्स कांड का खुलासा तब हुआ, जब इंदौर में दो महिलाओं की गिरफ्तारी हुई। उसके बाद पुलिस और एटीएस ने तीन और महिलाओं को भोपाल से पकड़ा।
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कई अहम दस्तावेज और वीडियो बरामद...
एसआईटी कई महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े विडियो क्लिप से लेकर दूसरे लेन-देन के दस्तावेज बरामद कर चुकी है।
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सूत्रों के अनुसार, एसआईटी के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीगसढ़ के तीन पूर्व मंत्री, दो अफसरों और एक कारोबारी को अपने जाल में फंसाकर महिलाओं ने मोटी रकम वसूली थी।
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विडियो क्लिप में 4,000 से ज्यादा फाइलें...
प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि पकड़ी गईं महिलाओं के मोबाइल, लैपटॉप और पेन ड्राइव से बड़ी संख्या में विडियो क्लिपिंग मिली हैं।
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एसआईटी को क्लिपिंग की 4,000 से ज्यादा फाइलें हाथ लगी हैं, जिसमें कुछ तस्वीरें व ऑडियो-क्लिप भी बरामद हुए हैं। गिरोह की महिलाएं अपने जाल में फंसाए गए व्यक्ति की गुप्त तरीके से विडियो-क्लिप बनाती थीं।