Hyderabad Lok Sabha Seat: ओवैसी के खिलाफ हिंदुत्ववादी महिला चेहरे को उतारा, BJP प्रत्याशी के तेवर तल्ख
Hyderabad Lok Sabha Seat: भाजपा ने इस बार ओवैसी के खिलाफ नए चेहरे पर दांव खेला है। ओवैसी के खिलाफ चुनावी अखाड़े में उतारी गई माधवी लता पेशे से डॉक्टर हैं और विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन भी हैं।
Hyderabad Lok Sabha Seat: देश में जल्द होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में पार्टी ने हैदराबाद की बहुचर्चित लोकसभा सीट पर भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। तेलंगाना की सबसे चर्चित सीट पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हिंदुत्ववादी महिला डॉक्टर माधवी लता को चुनावी अखाड़े में उतारा गया है।
भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद माधवी लता ने जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने हैदराबाद के पुराने शहर की तुलना सोमालिया से की और कहा कि इसे उतना ही विकसित करने की जरूरत है जितना सोमालिया के विकास की जरूरत है। उन्होंने मदरसों में बच्चों को खाना न मिलने और लोकसभा क्षेत्र में सफाई,शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा न होने का मुद्दा भी उठाया। हैदराबाद लोकसभा सीट को 1984 से ही ओवैसी परिवार का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। ऐसे में भाजपा ने इस बार उनकी तगड़ी घेरेबंदी का प्रयास किया है।
हिंदुत्ववादी महिला पर भाजपा का दांव
भाजपा ने इस बार ओवैसी के खिलाफ नए चेहरे पर दांव खेला है। ओवैसी के खिलाफ चुनावी अखाड़े में उतारी गई माधवी लता पेशे से डॉक्टर हैं और विरिंची हॉस्पिटल की चेयरपर्सन भी हैं। इसके साथ ही वे भरत नाट्यम की डांसर भी हैं। उनका एक और मजबूत पक्ष हिंदुत्व के मुद्दे पर उनका मुखर होना है। हिंदू धर्म को लेकर अपने भाषणों से काफी चर्चा बटोर चुकी हैं।
भाजपा की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने से साफ हो गया है कि पार्टी ने ओवैसी के खिलाफ हिंदुत्व कार्ड खेलने का प्रयास किया है। पिछले चुनाव में भाजपा की ओर से हैदराबाद लोकसभा सीट पर भगवत राव को उतारा गया था मगर इस बार पार्टी ने अपनी रणनीति बदल दी है। भाजपा ने हैदराबाद में पहली बार चर्चित महिला चेहरे पर दांव लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसी को कड़ी चुनौती देने की कोशिश की है।
हैदराबाद सीट ओवैसी का मजबूत गढ़
हैदराबाद लोकसभा सीट देश में काफी चर्चित रही है क्योंकि एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इस सीट से सांसद हैं। ओवैसी की फैमिली ने सीट पर 1984 के लोकसभा चुनाव से ही कब्जा कर रखा है और इसे ओवैसी फैमिली का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। असदुद्दीन के पिता सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी 1984 में पहली बार इस सीट से सांसद बने।
इसके बाद उन्होंने 2004 तक की सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा। उसके बाद से असदुद्दीन ओवैसी इस सीट से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ओवैसी ने इस सीट पर 5,17,471 वोट हासिल करते हुए भाजपा के भागवत राय को बुरी तरह हराया था। माना जा रहा है कि भाजपा ने इसी कारण इस बार प्रत्याशी बदलने का दांव खेला है।
ओवैसी पर तल्ख अंदाज में साधा निशाना
भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद माधवी लता ने तल्ख अंदाज में असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई वर्षों से देख रही हूं कि यहां साफ सफाई और शिक्षा की मुकम्मल सुविधा नहीं है। मदरसों में बच्चों को खाना नहीं मिल रहा है।
मंदिरों और हिंदू घरों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है जबकि मुस्लिम बच्चे अशिक्षित हैं। पुराना शहर हैदराबाद के मध्य में है मगर वहां काफी ग़रीबी है। इनका एक ही काम है दंगा कराना और इसके जरिए वे फायदा उठा रहे हैं।
दिल्ली तक पहुंच गई आंसुओं की गूंज
खुद को उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे 21 लाख वोटरों के आंसू की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई। लोगों को न्याय दिलवाने के लिए हमारे जितने भी बड़े भाई वहां बैठे हुए हैं, उन्होंने जंग का एलान कर दिया है। मुझे ऐसा लगता है कि सही मायने में यहां के लोगों को न्याय मिलने वाला है।
उन्होंने कहा कि मुझे टिकट मिलना सिर्फ मेरी नहीं बल्कि पुराने शहर के 21 लाख लोगों की जीत है। सबसे पहले यहां महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है। हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है और इसके लिए मैं पूरी तरह तत्पर हूं।