चीन को भारत ने दिया सख्त संदेश, पूर्वी लद्दाख में पीछे नहीं हटेगी सेना
पूर्वी लद्दाख में तीन महीने से अधिक समय से चल रहे सैन्य विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों की ओर से कवायद जारी है। इस बीच भारत एलएसी पर चीन की चालबाजियों से सतर्क हो गया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा है कि भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी। चीन की ओर से भारत को पूर्वी लद्दाख में फिंगर क्षेत्र से समान दूरी पर पीछे हटने का सुझाव देने के बाद भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया आई है। भारत ने चीन के सुझाव को दोटूक शब्दों में खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय सेना के पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। हालांकि दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने और सैन्य तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत आगे भी जारी रखेंगे।
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चीन की चालबाजियों से भारत सतर्क
पूर्वी लद्दाख में तीन महीने से अधिक समय से चल रहे सैन्य विवाद को खत्म करने के लिए दोनों देशों की ओर से कवायद जारी है। इस बीच भारत एलएसी पर चीन की चालबाजियों से सतर्क हो गया है।
चीन के सैन्य अधिकारियों ने क्षेत्रीय कमांडरों को एलएसी पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है। सूत्रों का कहना है कि चीन के रुख को देखते हुए इस विवाद के जल्द समाप्त होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसी कारण भारत ने लंबे समय तक एलएसी पर डटे रहने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
चीन ने दिया था यह सुझाव
जानकार सूत्रों का कहना है कि चीनी पक्ष की ओर से सुझाव दिया गया था कि भारत और चीन दोनों को फिंगर चार क्षेत्र से समान दूरी पर पीछे हट जाना चाहिए। भारत ने चीन के सुझाव को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी। भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि पहले उसे पीछे हटना चाहिए।
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भारत का कहना है कि इससे पहले भारत इस संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाएगा। भारत का कहना है कि चीन के पीछे हटने के बाद ही दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख और डेपसांग के मैदानों और दौलत बेग ओल्डी क्षेत्रों से पीछे हटने पर चर्चा की जा सकती है।
भारत ने चीन से पीछे हटने को कहा
सूत्रों का कहना है कि चीन भारत से चालबाजी दिखाने की कोशिश कर रहा है। चीनी सेना पैंगोंग झील के इर्द-गिर्द फिंगर 5 के आसपास बनी हुई है और चीनी सेना की ओर से फिंगर 5 से फिंगर 8 तक पांच किलोमीटर के दायरे में बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों की तैनाती की गई है।
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भारतीय सेना की ओर से स्पष्ट तौर पर चीन को कहा गया है कि उसकी सेना को फिंगर क्षेत्र से पूरी तरह पीछे हट जाना चाहिए और अप्रैल से पूर्व के स्थान पर वापस जाना चाहिए।
भारत को स्वीकार नहीं चीन का सुझाव
सूत्रों का कहना है चीनी पक्ष के सुझाव को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। चीन के साथ होने वाली बातचीत में भारत 1993 और 96 में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के उल्लंघन का मुद्दा भी उठा रहा है। इन समझौतों में एलएसी से जुड़े इलाकों में स्थायी निर्माण पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन करके फिंगर क्षेत्र में स्थायी निर्माण कर रखा है।
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