अब चीन की तबाही होगी शुरू, लगेगा 100000 करोड़ का झटका

भारत के खिलाफ चीन लगातार साजिश रच रहा है। सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। देश में चीन के सामान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है। इस बौखलाए चीन ने कहा कि भारत के पास चीनी उत्पादों के बहिष्कार की ताकत नहीं है।

Update: 2020-06-08 15:17 GMT

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन लगातार साजिश रच रहा है। सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। देश में चीन के सामान के बहिष्कार की मुहिम चल रही है। इस बौखलाए चीन ने कहा कि भारत के पास चीनी उत्पादों के बहिष्कार की ताकत नहीं है।

चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स अखबार में यह बातें लिखी गई थी। चीन के मुखपत्र में छपे लेख पर भारत के छोटे व्यापारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

छोटे कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने सोमवार को कहा कि चीनी अखबार की चुनौती स्वीकार है और देश के व्यापारी एवं नागरिक मिलकर इस बहिष्कार को सफल कर के दिखाएंगे।

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भारतीय सामान हमारा अभियान

कैट ने कहा है कि चीनी अखबार ने भारत के स्वाभिमान को ललकारा है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और चीनी अखबार को इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। कैट ने साथ ही यह भी कहा कि 10 जून से शुरू होने वाले 'भारतीय सामान-हमारा अभियान' को और अधिक तीव्रता के साथ देश भर में चलाएंगे। 'भारतीय सामान-हमारा अभियान' कैट का चीनी उत्पादों के बहिष्कार का राष्ट्रीय अभियान है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लोकल पर वोकल' के सशक्त आह्वान को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है जिसकी वजह से चीनी बौखला गए हैं। अब उसे भारत का रिटेल बाजार अपने हाथ से निकालता नजर आ रहा है और इसीलिए चीनी अखबार ने इस तरह की टिप्पणी की है। इसका माकूल जवाब देश के व्यापारी और नागरिक मिल कर देंगे।

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कैट के मुताबिक, ग्लोबल टाइम्स ने प्रकाशित लेख में यह भी कहा कि चीनी सामान का इस्तेमाल भारतीयों की आदत में शामिल हो गया है और इसका बहिष्कार करना बिल्कुल संभव नहीं है। कैट ने कहा कि ऐसा कहकर चीनी अखबार ने भारत के व्यापारियों की शक्ति को नजरअंदाज किया है। अखबार यह भूल गया है कि भारत जिसे चढ़ाना जानते हैं उसे उतारना भी उन्हें आता है। अब चीन सहित सारी दुनिया देखेगी कि किस प्रकार भारत में चीनी उत्पादों का बहिष्कार होता है और केवल डेढ़ वर्ष में यानी दिसंबर 2021 तक चीन से 1 लाख करोड़ रुपये का आयात कैसे कम होता है।

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खंडेलवाल का कहना है कि कैट अपने इस अभियान में भारतीय अर्थव्यवस्था के अन्य समहूों किसान, ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, उद्योग, हॉकर्स, उपभोक्ता सहित अन्य स्वदेशी संगठनों का साथ लेगा।

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