भारत से कांपे दुश्मन: हुआ हाईटेक मिशन में शामिल, चीन-पाकिस्तान की हालत खराब

चीन से तनातनी के बीच भारत अपनी रक्षा शक्ति का विस्तार का रहा है। ऐसे में भारत और इजरायल पहले से ही अपनी रक्षा साझेदारी को अब और ज्यादा आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। ऐसे में दोनों देश अब मिलकर उच्च तकनीक(High Techniqe) वाले हथियारों को विकसित और उनका निर्माण करके दूसरे मित्र देशों को निर्यात करने की योजना बना रहे हैं।

Update: 2020-09-26 06:10 GMT
चीन से तनातनी के बीच भारत अपनी रक्षा शक्ति का विस्तार का रहा है। ऐसे में भारत और इजरायल पहले से ही अपनी रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं।

नई दिल्ली। चीन से तनातनी के बीच भारत अपनी रक्षा शक्ति का विस्तार का रहा है। ऐसे में भारत और इजरायल पहले से ही अपनी रक्षा साझेदारी को अब और ज्यादा आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। ऐसे में दोनों देश अब मिलकर उच्च तकनीक(High Techniqe) वाले हथियारों को विकसित और उनका निर्माण करके दूसरे मित्र देशों को निर्यात करने की योजना बना रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय रक्षा सचिव और उनके इजरायली समकक्ष की अध्यक्षता में रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह के तहत इस तरह की संयुक्त परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए बृहस्पतिवार को एक नया उप-समूह बनाया गया है।

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रक्षा सहयोग बढ़ाने

इसी सिलसिले में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उपकार्य समूह (एसडब्ल्यूजी) के मुख्य उद्देश्य मैत्रीपूर्ण देशों को संयुक्त निर्यात के अलावा टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर, को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, इनोवेशन आदि होंगे। आगे इसमें कहा गया है कि एसडब्ल्यूजी(SWG) के गठन की घोषणा एक वेबिनार में की गई, जिसका आयोजन बृहस्पतिवार को किया गया था।

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फोटो-सोशल मीडिया

साथ ही इस बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के रक्षा सचिवों और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबिनार में भाग लिया और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के संबंध में वार्ता की। वहीं मंत्रालय ने कहा कि कल्याणी समूह और राफेल उन्नत रक्षा प्रणाली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

इस बयान के मुताबिक, ये वेबिनार इस श्रृंखला का पहला आयोजन था। ऐसे में इस श्रृंखला के तहत मित्र देशों के साथ वेबिनार आयोजित किए जाएंगे, जिससे रक्षा निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके और आने वाले 5 वर्षों में पांच अरब डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

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मिसाइलों, सेंसर, साइबर-सुरक्षा

ऐसे में इजरायल करीब दो दशकों से भारत में टॉप फोर आर्म्स सप्लायर्स में से एक है, जो हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर की सैन्य बिक्री करता है। शुक्रवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारतीय रक्षा उद्योग अब मजबूत होने के साथ ही दोनों देशों के लिए शोध और विकास में अधिक मददगार, को डेवलपमेंट और कोप्रॉडक्शन की परियोजनाओं को स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की गई।' आगे उन्होंने कहा 'इजराइल मिसाइलों, सेंसर, साइबर-सुरक्षा और विभिन्न रक्षा उप-प्रणालियों में वर्ल्ड लीडर है।'

इस साझेदारी में एसडब्ल्यूजी(SWG) की अध्यक्षता भारतीय रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव (रक्षा उद्योग उत्पादन) संजय जाजू और इजरायल से एशिया और प्रशांत के निदेशक इयाल कैलिफोर्निया करेंगे।

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