भारत के हाथ लगा खजाना: अब दुनिया का सबसे अमीर देश होगा इंडिया

रिपोर्ट के मुताबिक यूरेनियम को निकालने के काम को बड़ी मुस्तैदी से और जल्दी से किया जा रहा है। इसको खुदवाने करने के लिए 22 करोड रुपए की लागत लगेगी और जो यूरेनियम मिला है वह 23 हेक्टेयर की जमीन के अंदर है जिसको सारा का सारा निकालने के लिए 20 साल से अधिक का समय लग सकता है।

Update: 2020-02-05 11:09 GMT

राजस्थान: जहां सभी लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और दिल्ली चुनाव में व्यस्त है वहीं राजस्थान में खुदाई करने वाली एक टीम के हाथ यूरेनियम का एक बड़ा भंडार लगा है। जानकारी के अनुसार इस खजाने की कीमत इतनी ज्यादा है कि अगर वह सारा भंडार भारत ने निकाल लिया तो भारत दुनिया का सबसे सुरक्षित और अमीर देश बन जाएगा।

खबर है कि राजस्थान का शेखावटी जोन के खंडेला और नीमकाथाना गांव में यूरेनियम के बड़े भंडार मिले हैं, यह कोई छोटा मोटा भंडार नहीं है बल्कि शुरुआती खोज में ही करीब 10000 टन यूरेनियम मिला है। इससे भारत अपनी सामरिक शक्ति को विस्तार कर सकेगा, साथ ही देश की ऊर्जा जरूरतों को भी पूरा कर पाएगा। राजस्थान की रेतीली मिट्टी में तेल गैस और जल के असीमित भंडार के बाद अब यूरेनियम के विशाल भंडार का पता चला है।

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काम शुरू हुआ

रिपोर्ट के मुताबिक यूरेनियम को निकालने के काम को बड़ी मुस्तैदी से और जल्दी से किया जा रहा है। इसको खुदवाने करने के लिए 22 करोड रुपए की लागत लगेगी और जो यूरेनियम मिला है वह 23 हेक्टेयर की जमीन के अंदर है जिसको सारा का सारा निकालने के लिए 20 साल से अधिक का समय लग सकता है।

यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ने खुदाई के लिए डीपीआर बनाने का काम चालू कर दिया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 6000 करोड़ की लागत आने वाली है। सीकर के रॉयल और सुहाग पुरा गांव में 400 फुट नीचे से खुदाई की जाएगी। आपको बता दें कि यूरेनियम की खुदाई के लिए खास तरह की टनल बनानी पड़ती है। आज अगर अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश विकसित है तो उसके पीछे बड़ी वजह है संसाधन। ऐसे में यूरेनियम के भंडार भारत के लिए अहम साबित होगा।

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बता दें कि पहली बार अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में पोकरण के अंदर यूरेनियम का परीक्षण हुआ था उसके बाद कांग्रेस सरकार के अंदर यह काम बस्ते के अंदर रख कर छोड़ दिया गया। कांग्रेस ने इस काम की तरफ नहीं देखा अब मोदी सरकार के आने के बाद इस काम को दोबारा से शुरू किया गया। पहले उन जगहों का पता लगाया गया जहां पर यूरेनियम मिलने के आसार थे और उसके बाद उन जगह पर खुदाई कर्रवाई की गई और जब यूरेनियम मिल गया तब उसको निकालने के लिए काम जोरों पर चलाया जा है।

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