नक्शा विवाद के बाद आज पहली बार नेपाल और भारत के बीच इन खास मुद्दों पर हुई बात
भारत औए नेपाल के बीच अभी भी टकराव बरकरार है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने फोन करके भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी।
काठमांडू: भारत औए नेपाल के बीच अभी भी टकराव बरकरार है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने फोन करके भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी।
जिसके बाद आज भारत और नेपाल के शीर्ष राजनयिकों के बीच डिजिटल बैठक हुई। नेपाल द्वारा मई में नया राजनीतिक मानचित्र जारी करने से भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी आने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली उच्च-स्तरीय वार्ता थी।
इसका वार्ता का मकसद भारत की मदद से नेपाल में चल रही विकास संबंधी विभिन्न परियोजना की प्रगति की समीक्षा करना था।
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सूत्रों के अनुसार नेपाली विदेश सचिव शंकर दास बैरागी और नेपाल में भारतीय राजदूत विजय मोहन क्वात्रा ने इस समीक्षा बैठक में अपने-अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के चलते डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में नेपाल में भारत की मदद से चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।
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नेपाल जल्द ही भूमि विवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के पास जाने वाला है
चीन, पाकिस्तान के बाद अब नेपाल, भारत के खिलाफ साजिशें रचने का काम कर रहा है। उसने सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ने का काम शुरू दिया है। बताया जा रहा है नेपाल अब जल्द ही भूमि विवाद को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के पास जाने वाला है।
वह उसे नेपाल का नया नक्शा सौंपेगा। नेपाल के नए नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के बाद ये नक्शा भारत और गूगल कम्पनी दोनों को भी भेजा जाएगा। नेपाल के भूमि मामलों की मंत्री पद्मा अरयल ने ये जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि नेपाल के नए नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा इलाकों पर दावा किया गया है। जिस पर भारत पहले ही कड़ा एतराज जता चुका है।
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