दुश्मनों के उड़ेंगे होश, अमेरिका की तर्ज पर अब भारत के पास भी होगा 5 थिएटर कमान

प्राप्त जानकारी के मुताबिक समुद्री कमान का काम हिंद महासागर और भारत के द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा करना होगा और साथ ही समुद्री गलियों को किसी भी बाहरी दबाव से मुक्त और खुला रखना होगा।

Update: 2020-10-27 05:17 GMT
 एकल थिएटर कमान के अंतर्गत सेना, वायु सेना और नौसेना की इकाइयों को रखने से है। इस तरह के संयोजनों की परिचालन कमान तीन सेवाओं में से एक से एक अधिकारी के अधीन होगी।

नई दिल्ली: भारत ने इस बार पाकिस्तान और चीन दोनों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। एलएसी और एलओसी पर जारी तनाव को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने का काम तेजी के साथ कर रहा है।

इसी कड़ी में भारत पांच थिएटर कमान बनाने जा रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 2022 तक पांचों थिएटर कमान के पुनर्गठन का काम पूरा हो जाएगा। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद जल्द ही सैन्य मामलों के विभाग के पास अतिरिक्त और संयुक्त सचिव होंगे।

दावा किया जा रहा है कि पांचों थिएटर कमान के पुनर्गठन के बाद भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने थियेटर कमांड बनाने की जिम्मेदारी भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को दे रखी है। आपको यह भी बता दें कि वर्तमान में यह सिर्फ चीन और अमेरिका के सैनिकों के पास है।

भारतीय सैनिक(फोटो:सोशल मीडिया)

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सभी पांच कमानों का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल या समकक्ष रैंक के कमांडर करेंगे

बता दें की सभी पांच कमानों का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल या समकक्ष रैंक के कमांडरों द्वारा किया जाएगा, जो वर्तमान कमांड के प्रमुखों के साथ बराबरी करने वालों में पहले होंगे।

थल सेनाध्यक्ष, वायु सेना प्रमुख और नौसेनाध्यक्ष के कार्य का संचालन नहीं होगा, लेकिन थिएटर कमानों के लिए संसाधन जुटाना शामिल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरी कमान का पुनर्गठन लद्दाख के काराकोरम दर्रे से आरंभ होगा और अरुणाचल प्रदेश में अंतिम चौकी किबिथु तक जारी रहेगा।

उसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के 3,425 किलोमीटर की दूरी पर निगरानी करने की जिम्मेदारी शामिल है। राजधानी लखनऊ को उत्तरी कमान का मुख्यालय बनाया जा सकता है।

इसी तरह पश्चिमी कमान का रिमांड सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र के सॉल्टोरो रिज पर इंदिरा कर्नल से गुजरात के आखिरी छोर तक होगा। इसकी मुख्यालय जयपुर को बनाया जा सकता है।

बात करें अगर तीसरी थियेटर कमान की तो वः प्रायद्वीपीय कमान होगी; चौथा एक पूर्ण वायु रक्षा कमान और पांचवां एक समुद्री कमान होगा। प्रायद्वीपीय कमान का मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में बनाया जा सकता है।

खास बात ये है कि वायु रक्षा कमान न केवल देश को हवाई हमलों और मिसाइलों के अटैक से सुरक्षित करेगा बल्कि देश की तरफ से हवाई हमले को गति देगा।

इसके नियंत्रण में सभी विरोधी विमान मिसाइलों के साथ भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए भी जिम्मेदारी होगी।

वर्तमान में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना सभी अलग-अलग ढंग से बिना किसी खास तालमेल के भारत के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं। लेकिन जब ये पांचों कमान बन जायेंगे तो सभी को काम करने में आसानी होगी। वे आपस में तालमेल बिठाकर काम कर पाएंगे।

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भारतीय सैनिक(फोटो:सोशल मीडिया)

सुमद्र से लेकर आकाश में होगी तगड़ी सुरक्षा

प्राप्त जानकारी के मुताबिक समुद्री कमान का काम हिंद महासागर और भारत के द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा करना होगा और साथ ही समुद्री गलियों को किसी भी बाहरी दबाव से मुक्त और खुला रखना होगा।

करवार में पश्चिमी समुद्री तट, विशाखापट्टनम में पूर्वी समुद्र तट पर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारतीय नौसेना की समुद्री संपत्ति रखी जाएगी। चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए समुद्री कमान का संभावित मुख्यालय आंध्र प्रदेश की नई राजधानी को बनाया जा सकता है और पोर्ट ब्लेयर नौसेना संचालन के लिए एक और प्रमुख आधार बनकर उभरेगा ।

एकल थिएटर कमान के अंतर्गत सेना, वायु सेना और नौसेना की इकाइयों को रखने से है। इस तरह के संयोजनों की परिचालन कमान तीन सेवाओं में से एक से एक अधिकारी के अधीन होगी।

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