कश्मीर पर भारत ने दी इस मुस्लिम देश को धमकी, कहा- भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

कश्मीर पर लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे तुर्की को विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस दौरान कहा कि तुर्की द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में दखल के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

Update: 2020-02-20 16:24 GMT

नई दिल्ली: कश्मीर पर लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे तुर्की को विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस दौरान कहा कि तुर्की द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में दखल के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तुर्की पर हम पहले ही बयान जारी कर चुके हैं, हमने कड़े शब्दों में कहा है कि तुर्की द्वारा हमारे आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप हो रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने यह भी कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर भी इसका गंभीर परिणाम होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मैं ये सीधे तौर पर नहीं बताना चाहूंगा कि इसके क्या परिणाम होंगे। हमारे पुराने रिश्तों को समझते हुए उन्हें (तुर्की) जो कदम उठाना होगा, वे उठाएंगे। वो तय करेंगे कि उन्हें बयानबाजी से बचना है या नहीं।

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बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने पाकिस्तान के हालिया दौरे में कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताई थी और कश्मीरियों के संघर्ष की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्की लोगों के संघर्ष से कर दी थी।

एर्दोगन ने अपने पाकिस्तानी दौरे के दौरान कश्मीर मामले का कई बार जिक्र किया था। एर्दोगन ने कहा था कि हमारे कश्मीरी भाई-बहन दशकों से बहुत कुछ झेल रहे हैं और हाल में उठाए गए एकतरफा कदमों की वजह से उनकी पीड़ा और बढ़ गई है। क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए कश्मीर मुद्दे का तत्काल समाधान निकालने की जरूरत है।

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एर्दोगन के बयान के बाद सोमवार को तुर्की राजदूत सकीर ओजकान तोरूनलर को विदेश मंत्रालय ने समन किया और डिमार्श (विरोध पत्र) जारी किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन की कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध जताया है। इन घटनाक्रमों का हमारे द्विपक्षीय रिश्तों पर गंभीर असर हो सकता है।

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रवीश कुमार ने बयान में कहा कि इस तरह के बयान ना तो इतिहास की समझ को दिखाते हैं और ना ही कूटनीति की. उन्होंने कहा कि भारत ने तुर्की की पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को सही ठहराने की कोशिशों को भी खारिज कर दिया है. कुमार ने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति का बयान ऐतिहासिक घटनाक्रमों से छेड़छाड़ से वर्तमान की अधूरी तस्वीर खींचने की कोशिश है।

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