पाकिस्तान डरा! अब भारत करेगा बुरा हाल, वायुसेना का बहुत बड़ा है प्लान

भारत की सेवा और सुरक्षा के लिए जल्द ही भारतीय वायुसेना में कई खतरनाक विमान शामिल किये जायेंगे। एस संदर्भ में भारतीय वायुसेना की रखरखाव कमान का नेतृत्व करने वाले एयर मार्शल शेरा ने कहा कि इसके अलावा यूएवी, ड्रोन और विभिन्न मशीनों को सैन्य क्षेत्र में शामिल किया जाएगा।

Update:2019-11-16 15:04 IST

कोलकाता: भारत की सेवा और सुरक्षा के लिए जल्द ही भारतीय वायुसेना में कई खतरनाक विमान शामिल किये जायेंगे। एस संदर्भ में भारतीय वायुसेना की रखरखाव कमान का नेतृत्व करने वाले एयर मार्शल शेरा ने कहा कि इसके अलावा यूएवी, ड्रोन और विभिन्न मशीनों को सैन्य क्षेत्र में शामिल किया जाएगा।

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बता दें कि उन्होंने यह भी साफ किया कि इन विमानों और मशीनों की मरम्मत और देखरेख की जरूरत लगातार बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि रखरखाव और मशीनों को ठीक स्थिति में रखने के लिए भारतीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए सामग्री, उपकरण और स्वचालित प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं।

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विमानों की संख्या होगी 2000...

ध्यान देने योग्य बात है कि देश की सुरक्षा, आन-बान-शान में लगे सैन्य विमानों की संख्या वर्तमान के 1400 है, जो जल्द ही बढ़कर 2000 की जाएगी। खास बात यह है कि विमानों की संख्या बढ़ने से सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मरम्मत कार्यो में और अवसर पैदा होंगे।

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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा...

वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ,रखरखाव, एयर मार्शल आर के एस शेरा ने कहा कि अगले 10 से 20 वर्षों में देश के सैन्य उड्डयन क्षेत्र में विमानों की काफी आवश्यकता होगी।

राफेल...

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यम श्रेणी के परिवहन विमान एयरबस सी 295 को भारतीय वायुसेना में शामिल करने का कार्य जल्द शुरू होगा।

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वायुसेना ने फ्रांस की दसाल्ट एविएशन से राफेल लड़ाकू विमानों को पहले ही शामिल कर लिया है।

यूएवी, ड्रोन और विभिन्न मशीन होंगे शामिल...

साथ ही एयर मार्शल शेरा ने कहा कि इसके अलावा यूएवी, ड्रोन और विभिन्न मशीनों को सैन्य क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। इस संदर्भ में उन्होंने कहा इन विमानों और मशीनों की मरम्मत और देखरेख की जरूरत लगातार बढ़ेगी।

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सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को फायदा...

एयर मार्शल शेरा ने कहा कि विमानों के रखरखाव और मशीनों को ठीक स्थिति में रखने के लिए भारतीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए सामग्री, उपकरण और स्वचालित प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं।

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