Indian citizenship: भारतीयों का अपने ही देश से हो रहा मोहभंग, इन वजहों से 2 लाख से अधिक लोगों ने छोड़ी नागरिकता

Indian citizenship Renunciation: पुर्तगाल गोल्डन वीजा के लिए सफल आवेदकों के बीच भारत रैंक में बढ़ रहा है। 2022 में दुनिया में चौथे स्थान पर रहा जबकि 2021 में पांचवें स्थान और 2020 में नौवें स्थान पर था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-02-20 13:10 IST

Indian citizenship Renunciation (सोशल मीडिया) 

Indian citizenship Renunciation: भारत छोड़ कर अन्य देशों, खासकर पश्चिमी देशों में बसने और वहां की नागरिकता लेने का ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बीते साल ही 2 लाख 25 हजार लोगों ने भारत की नागरिकता त्याग दी। यह आंकड़ा साल 2011 के बाद एक साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है। 

नागारिकता छोड़ने की वजह

9 फरवरी को संसद में विदेश मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में 2.25 लाख से अधिक भारतीयों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी। ये 2011 के बाद से सबसे अधिक संख्या है। डेटा दर्शाता है कि भारतीय, विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति (हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल) बेहतर अवसरों, स्वास्थ्य सेवा, जीवन की गुणवत्ता, शिक्षा और कई अन्य कारकों की तलाश में नए पासपोर्ट के साथ पश्चिम की ओर बढ़ रहे हैं।

पैसा होना चाहिए

जहां बहुत से लोग गरीबी और जीवन के संघर्ष से त्रस्त हो कर देश छोड़ना चाहता हैं तो वहीं बहुत से ऐसे लोग हैं जो अमीर हैं और सब सुविधाएं होने के बावजूद देश छोड़ रहे हैं। ये भी एक विडंबना है। बहरहाल, हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल वे हैं जिनके पास 1 मिलियन डॉलर या 8.2 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। हेनले ग्लोबल सिटिजन्स रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 में भारत में ऐसे 3.47 लाख लोग थे। इनमें से 1.49 लाख एचएनआई सिर्फ नौ शहरों में पाए गए : मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई, गुड़गांव और अहमदाबाद। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, चीन और जापान के बाद भारत निजी संपत्ति के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है।

अमेरिका और यूरोप

उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि विशेष रूप से यूएस ईबी-5 वीज़ा, पुर्तगाल गोल्डन वीज़ा, ऑस्ट्रेलियन ग्लोबल टैलेंट इंडिपेंडेंट वीज़ा, माल्टा परमानेंट रेजिडेंसी प्रोग्राम और ग्रीस रेजिडेंस बाय इनवेस्टमेंट प्रोग्राम के लिए रेजिडेंस-थ्रू इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के अनुरोधों में वृद्धि हुई है।

पुर्तगाल टॉप पर

जानकारों के अनुसार, पुर्तगाल गोल्डन वीजा के लिए सफल आवेदकों के बीच भारत रैंक में बढ़ रहा है। 2022 में दुनिया में चौथे स्थान पर रहा जबकि 2021 में पांचवें स्थान और 2020 में नौवें स्थान पर था। पुर्तगाली निवेशक वीज़ा कार्यक्रम व्यक्तियों और परिवारों को लाभान्वित करता है, उन्हें पुर्तगाल और शेष यूरोपीय संघ में रहने, काम करने, अध्ययन करने या सेवानिवृत्त होने का अधिकार प्रदान करता है।

पुर्तगाल गोल्डन वीज़ा प्रोग्राम आने के बाद से, भारतीय नागरिकों को 130 से अधिक वीजा जारी किए गए हैं। इस प्रोग्राम की योग्यता आवश्यकताओं में, उच्च घनत्व वाले क्षेत्र में 4.4 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदना और पुर्तगाली नागरिकों के लिए कम से कम 10 नौकरियां पैदा करना अनिवार्य है। निवेश के पांच साल बाद, आवेदक पुर्तगाली पासपोर्ट प्राप्त कर सकता है, जिससे वह बिना वीजा के 150 से अधिक देशों की यात्रा करने के योग्य हो जाता है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुर्तगाल ने पिछले सप्ताह इस प्रोग्राम को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

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