सबसे बड़ा खुलासा: भारत से आगे निकले ये देश, घटी न्यूनतम मजदूरी

ILO की नई रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस के दौरान भारत में न्यूनतम मजदूरी नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से भी कम हो गयी है। भारत में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के वेतन में 22.6 फीसदी की कमी आई है।   

Update: 2020-12-04 08:24 GMT
सबसे बड़ा खुलासा: भारत से आगे निकले ये देश, घटी न्यूनतम मजदूरी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) के चलते लागू हुए लॉकडाउन की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा है। इसके साथ-साथ मजदूरों के साथ-साथ छोटे व्यापार पर भी बुरा असर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में न्यूनतम मजदूरी नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका से भी कम हो गयी है। इंटरनेशनल लेबर आर्गनाइजेशन (ILO) की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के वेतन में 22.6 फीसदी की कमी आई है। साथ ही नौकरीपेशा लोगों की भी सैलरी 3.6 फीसदी तक कम हो गई है।

लोगों की खरीदने की क्षमता भी हुई कम

साथ ही ये भी बताया गया है कि भारत में न्यूनतम मजदूरी कम होने के साथ-साथ भारत के लोगों की खरीदने की क्षमता (Purchasing Power Parity-PPP) भी अब बांग्लादेश और सोलोमन आइलैंड जैसे देशों से भी कम हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में न्यूनतम औसत मासिक वेतन 9720 है जबकि भारत में ये महज प्रति महीने 4300 रुपये ही है। द मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना लॉकडाउन का सबसे ज्यादा प्रभाव कम सैलरी वालों पर पड़ा है। जिसका सीधेतौर पर मतलब है कि इससे समाज में असामनता बढ़ी है।

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महिलाओं को सैलरी में 8.1 फीसदी का नुकसान

बताया जा रहा है कि आय के निचले आधे हिस्से वाले श्रमिकों को अपनी मजदूरी का 17.3% नुकसान हुआ है, जबकि अंतरराष्ट्रीय वास्तविक वेतन वृद्धि में 1.6 से 2.2 फीसदी के बीच उतार-चढ़ाव हुआ है। वहीं 28 यूरोपीय देशों में इस साल की दूसरी तिमाही में बिना सब्सिडी के महिलाओं को सैलरी में 8.1 फीसदी का नुकसान हुआ है, जबकि पुरुषों को ये नुकसान 5.4 फीसदी हुआ है।

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फोटो- सोशल मीडिया

इन देशों में सबसे ज्यादा हुई थी वृद्धि

ILO की नई रिपोर्ट के अनुसार, 2006-19 के बीच भारत, चीन, कोरिया, वियतनाम और थाइलैंड समेत एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों में सबसे अधिक वेतन वृद्धि हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से भारत के साथ-साथ दुनियाभर के तमाम देशों में वेतन पर दबाव है। अधिकतर देशों में सैलरी वृद्धि की स्पीड धीमी हो गई है या फिर नकारात्मक हुई है। ILO की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान भारत में संगठित क्षेत्र के मजदूरों का वेतन 3.6 फीसदी तक कम हुआ है। जबकि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के वेतन में 22.6 फीसदी की कमी आई है।

इन देशों में कितना है न्यूनतम औसत मासिक वेतन

रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर के देशों में न्यूनतम औसत मासिक वेतन 9720 है जबकि भारत में ये महज प्रति महीने 4300 रुपये ही है। श्रीलंका में ये 4940, पाकिस्तान में 9820 और नेपाल में 7920 रुपये है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संकट का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और कम सैलरी वाले लोगों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है।

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