Jammu Kashmir Election 2024: राशिद इंजीनियर को अंतरिम बेल, अब जम्मू-कश्मीर चुनाव में होगा बड़ा खेल!
Jammu Kashmir Election 2024: जेल में रहते हुए राशिद इंजीनियर ने 2024 का लोकसभा चुनाव जीता था। अब वे अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।
Jammu Kashmir Election 2024:राशिद इंजीनियर को अंतरिम जमानत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बाजी पलट सकती है। उत्तर कश्मीर की राजनीति में राशिद इंजीनियर एक बड़ा ही जाना पहचाना नाम है। वह केंद्र शासित प्रदेश के पूर्व विधायक भी रहे हैं। जेल में रहते हुए राशिद इंजीनियर ने 2024 का लोकसभा चुनाव जीता था। अब वे अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। राशिद को आतंकी फंडिंग मामले में दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने अंतरिम जमानत दी है। यह जमानत उन्हें चुनाव प्रचार करने के लिए 2 अक्टूबर, 2024 तक के लिए दी गई है। राशिद को तीन अक्टूबर को आत्मसमर्पण करना होगा।
सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में राशिद इंजीनियर की अगुवाई वाली आवामी इत्तेहाद पार्टी ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। राशिद के इस ऐलान के बाद ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राशिद की पार्टी के महासचिव प्रिंस परवेज का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास केवल एआईपी ही एक मात्र विकल्प है इसके अलावा दूसरा कोई नहीं है।
कौन हैं राशिद इंजीनियर जिनकी हो रही है चर्चा
राशिद इंजीनियर को अंतरिम जमानत मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। माना जा रहा है राशिद के चुनाव प्रचार करने से उनकी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी और विधानसभा चुनाव में बड़ा धमाका कर सकती है।
-राशिद इंजीनियर 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, अब उन्हें कोर्ट से अंतरिम बेल मिल गई है।
-राशिद इंजीनियर का असली नाम शेख रशीद है।
-राशिद इंजीनियर 2024 का लोकसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर के बारामूला लोकसभा सीट से निर्दलीय लड़े थे और जीत कर सांसद बने। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह निर्दलीय दावेदार थे।
-2019 में एनआईए ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
एक नजर राशिद के बारे में
राशिद इंजीनियर का जन्म हंदवाड़ा के लाछ मावर में हुआ था। राशिद ने श्री नगर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और करीब 25 साल तक सरकारी विभाग में इंजीनियर की नौकरी की। 2003 के करीब राशिद ने उर्दू वीकली न्यूजपेपर चट्टान में राजनीतिक मुद्दों पर लिखना प्रारंभ किया और यहीं से वह प्रसिद्ध होते चले गए। राशिद अपने परिवार से राजनीति में आने वाले पहले व्यक्ति हैं। वह हमेशा ही शांतिपूर्ण तरीके से जम्मू-कश्मीर समस्या का समाधान निकालने की वकालत करते रहे हैं।
राशिद और राजनीति
-राशिद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ थे। उन्होंने इसे लेकर कई विरोध-प्रदर्शन किए और धरना भी दिया।
-राशिद ने 2008 में कुपवाड़ा के लंगेट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत कर विधानसभा पहुंचे।
-2013 में राशिद ने आवामी इत्तेहाद पार्टी बनाई।
-2014 के विधानसभा चुनाव में वह दोबारा विधायक चुने गए।
-2014 लोकसभा चुनाव में राशिद को हार का मुंह देखना पड़ा था।
-2015 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनके साथ धक्का-मुक्की हुई।
-2015 में ही दिल्ली प्रेस क्लब में उन पर स्याही फेंकी गई।
-विधायक बनने के बाद भी राशिद बिना सुरक्षा अपनी छोटी सी कार से आते-जाते थे।
टेटर फंडिंग मामले में 5 साल से जेल में बंद हैं
एनआईए द्वारा कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम), 1967 अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए जाने के बाद से राशिद इंजीनियर 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अब राशिद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार करने के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। राशिद के चुनाव मैदान में आने के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में बड़ा उलट फेर होने की संभावना है।
जम्मू में 10 साल बाद हो रहे हैं चुनाव
जम्म-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के साथ ही 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा और आठ अक्टूबर को मतों की गिनती होगी।