जामिया बवाल: छात्र ने मांगे 2 करोड़, कोर्ट ने मोदी सरकार और पुलिस को भेजा नोटिस

जामिया मिलिया विश्वविद्यालय हिंसा मामला कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस भी जारी किया है।

Update: 2020-02-17 06:58 GMT

दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय (Jamia Violence) में हुई हिंसा मामला कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस भी जारी किया है। बता दें कि जामिया हिंसा केस में एक छात्र ने याचिका दायर कर दो करोड़ के मुआवजे की मांग की है। छात्र का आरोप है कि इस हिंसा के दौरान उसके पैर टूर गये हैं।

जामिया के छात्र ने दो करोड़ के मुआवजे की मांग की:

जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उसने दो करोड़ की मांग करते हुए हिंसा से जुड़े कई गंभीर आरोप लगाये हैं। छात्र ने अपनी अर्जी में कहा कि जब हिंसक घटना हुआ तो वह लाइब्रेरी में बैठा था।

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लेकिन उसके साथ भी मारपीट की गयी, जिसमें उसके दोनों पैर टूट गये। सैय्यान मुजीब नाम के छात्र ने बताया कि उसके इलाज में ढाई लाख रुपये खर्च कर चुका है। याची की अपील पर हाईकोर्ट ने केंद्र, दिल्‍ली पुलिस और दिल्‍ली सरकार को नोटिस भेजा है।

जामिया लाइब्रेरी में पुलिस लाठीचार्ज के दो वीडियो हुए है वायरल:

बता दें कि हाल में ही जामिया लाइब्रेरी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे दिल्ली पुलिस छात्रों के पीट रही है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगा लेकिन इसके बाद इसी वीडियो का शुरूआती हिस्सा भी सामने आया। जिसमें ये दिखाया गया कि कुछ छात्र लाइब्रेरी में आये और किताबे लेकर बैठ गये। उनके हाथ में पत्थर थे। पीछे से पुलिस आई और उनपर लाठी चार्ज हुआ। कहा गया कि उपद्रवी पुलिस से बचने के लिए लाइब्रेरी में आकर बैठ गये थे।

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15 दिसंबर को जामिया परिसर में हुई थी हिंसा:

गौरतलब है कि 15 दिसंबर को जामिया में हिंसा हुई थी। जिसमें पुलिस ने लाठी चार्ज किया था।

इस बाबत यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) से 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पुलिस हिंसा की जांच शुरू करने का अनुरोध किया है।

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