आतंकी का बेटा अफसर: पक्के इरादों से बदल दी किस्मत की लकीरें, देश में कमाया नाम

जम्मू संभाग का डोडा जिला जो कभी आतंकियों का गण रहता था, ये वहां के गुंदना इलाके की खबर है। जिले के आतंकी के मारे जाने के बाद उसका बेटा गाजी अब्दुल्ला जिसका पालन-पोषण श्रीनगर के अनाथालय में हुआ।

Update:2020-10-15 12:39 IST
जम्मू संभाग का डोडा जिला जो कभी आतंकियों का गण रहता था, वहां आतंकी के मारे जाने के बाद उसका बेटा गाजी अब्दुल्ला जिसका पालन-पोषण श्रीनगर के अनाथालय में हुआ।

डोडा। जम्मू-कश्मीर से ज्यादातर आतंकियों के आतंक और घाटी में खूनी साजिश को लेकर खबरे आती हैं लेकिन आज एक बेहद अनोखी बात सामने आई है। जम्मू संभाग का डोडा जिला जो कभी आतंकियों का गण रहता था, ये वहां के गुंदना इलाके की खबर है। जिले के आतंकी के मारे जाने के बाद उसका बेटा गाजी अब्दुल्ला जिसका पालन-पोषण श्रीनगर के अनाथालय में हुआ। उसमें अपने जीवन में कई चुनौतियों को पार करके अपनी तकदीर लिख डाली है।

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इस होनहार के सम्मान में

आतंकी के बेटे गाजी अब्दुल्ला ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर की सबसे प्रतिष्ठित केएएस परीक्षा पास की। जिसके अवसर पर भटपुरा गांव में इस होनहार के सम्मान में सेना ने विशेष समारोह आयोजित किया।

इस होनहार के जीवन की चुनौतियों और आपबीती के बारे में 10 राष्ट्रीय राइफल्स के कार्यक्रम में गाजी अब्दुल्ला ने स्कूल विद्यार्थियों को अपने संघर्ष की कहानी सुनाकर कामयाबी का मंत्र दिया।

घाटी के डोडा के गुंदना इलाके के भटपुरा गांव में आयोजित समारोह के दौरान सेना की तरफ से गाजी अब्दुल्ला की प्रेरक कहानी अन्य युवाओं और विद्यार्थियों को सुनाई गई।

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पक्के इरादों की जरूरत

गाजी के बारे में सैन्य वक्ता ने कहा कि मुश्किल हालात में मेहनत से कैसे तकदीर बदली जा सकती है, गाजी अब्दुल्ला उसकी मिसाल हैं। आतंकवाद, गरीबी और विपरीत हालात से जूझते गाजी ने प्रतिष्ठित केएएस परीक्षा पास कर दिखाई है।

फोटो-सोशल मीडिया

इस समारोह के दौरान विद्यार्थियों ने गाजी से कामयाबी का मंत्र पूछा तो गाजी अब्दुल्ला ने कहा कि मेहनत और तालीम मिल जाएं तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। मंजिल तक पहुंचने के लिए हालात से ज्यादा पक्के इरादों की जरूरत पड़ती है।

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मेहनत और लगन से

परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से मुखातिब गाजी ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा तक पहुंच बेहद आसान हो गई है। किसी भी इलाके से युवा मेहनत और लगन से अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं।

आगे गाजी ने छात्रों से कहा कि एक गरीब बच्चे से प्रशासनिक अफसर बनने तक के सफर में मुश्किलें बहुत आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आतंकवाद से मुक्त माहौल में युवा पीढ़ी के सामने संभावनाओं के असंख्य अवसर खुलते हैं। और आज अपनी मेहनत और बुलंद इरादों से गाजी ने अपनी किस्मत चमका ली।

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