झारखंड में अपराधियों का राजनीतिकरण करने में कोई दल पीछे नहीं

झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30, भारतीय जनता पार्टी के 25, कांग्रेस के 16, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक), आजसू के दो, निर्दलीय दो, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माले)(लिबरेशन), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक, राष्ट्रीय जनता दल एक कुल 81 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया।

Update: 2019-12-24 15:21 GMT

नई दिल्ली: झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30, भारतीय जनता पार्टी के 25, कांग्रेस के 16, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक), आजसू के दो, निर्दलीय दो, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माले)(लिबरेशन), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक, राष्ट्रीय जनता दल एक कुल 81 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया।

इस चुनाव में पहले चरण के चुनाव में 13 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 189, दूसरे चरण में कुल 20 निर्वाचन क्षेत्रों में 260, तीसरे चरण में कुल 17 निर्वाचन क्षेत्रों में 309, चौथे चरण में कुल 15 निर्वाचन क्षेत्रों में 221, पांचवें चरण में 16 निर्वाचन क्षेत्रों में 237 कुल 1216 उम्मीद्वारों ने चुनाव लड़ा। कुल उम्मीद्वारों में आपराधिक मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 335 थी जो कि कुल उम्मीदवारों का कुल 28 प्रतिशत थी। इसी तरह गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले 222 (18%) थे। इसी तरह करोड़पति उम्मीद्वारों की संख्या 293 यानी 24 प्रतिशत थी।

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इसी तरह 2019 में कुल 81 विधायकों में 44 (54%) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं जबकि 2014 में कुल 81 विधायकों में से 55 (68%) विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। इसी तरह 34 (42%) विधायकों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। दो विधायकों ने खुद पर दोषसिद्ध मामले घोषित किये हैं। दो विधायकों ने अपने ऊपर हत्या के मामले घोषित किये हैं। सात ने अपने ऊपर हत्या के प्रयास का मामला घोषित किया है। पांच विधायकों ने अपने ऊपर महिला अत्याचार से संबंधित मामले व इनमें दो ने बलात्कार के मामले घोषित किये हैं।

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भाजपा के 25 में से 12 (48%), जेवीएम (पी) के तीन में से तीन (100%), जेएमएम के 30 में से 17 (57%), आजसू के दो में से एक (50%), कांग्रेस के 16 में से आठ (50%), एनसीपी, सीपीआई (एमएल) (एल) और आरजेडी के एक (100%) विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।

भाजपा के 25 में से 9 (36%), जेवीएम (पी) के तीन में से तीन (100%), जेएमएम के 30 में से 12 (40%), कांग्रेस के 16 में से आठ (50%), सीपीआई (एमएल) (एल) और आरजेडी के प्रत्येक से एक (100%) विधायकों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किये हैं।

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भाजपा के 25 में से 18 (72%), जेवीएम के तीन में से दो (67%), जेएमएम के 30 में से 22 (73%), आजसू के दो (100%), कांग्रेस के 16 में से नौ (56%), निर्दलीय दो (100%) विधायक करोड़पति हैं। यानी घोषित संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है। कुल 56 (69%) करोड़पति हैं। इसके अलावा इन विधायकों की औसत संपत्ति 3.87 करोड़ है जबकि 2014 में औसत संपत्ति 1.84 करोड़ थी।

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