खूंखार नक्सली ने किया ऐसा काम, सरकार ने दिया एक लाख रुपए का इनाम
झारखंड के विभिन्न थानों में इसके नाम पर कुल 48 मामले दर्ज हैं। बोयदा पाहन के अलावा गोन्दा पाहन, बिरसा मुंडू और बिरसा मुंडा ने भी सरेंडर किया है।
रांची: झारखंड की पहचान खनिज-संपदा के साथ ही नक्सली गतिविधियों को लेकर भी रही है। झारखंड के ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। हालांकि, समय के साथ नक्सली वारदात में कमी ज़रूर आई है। राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति भी लाई है। पुलिस का मानना है कि, झारखंड की पुनर्वास नीति पूरे देश में सबसे बेहतर है। यही वजह है कि, इससे प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। सोमवार को भी सीपीआई माओवादी के सब ज़ोनल कमांडर बोयदा पाहन समेत कुल चार नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। इस दौरान दक्षिणी छोटानागपुर के डीआईजी अखिलेश झा के अलावा रांची के उपायुक्त छवि रंजन मौजूद रहे।
सब ज़ोनल कमांडर समेत चार नक्सलियों का आत्मसमर्पण
सीपीआई माओवादी का सब ज़ोनल कमांडर बोयदा पाहन पांच लाख रुपए का इनामी रहा है। झारखंड के विभिन्न थानों में इसके नाम पर कुल 48 मामले दर्ज हैं। बोयदा पाहन के अलावा गोन्दा पाहन, बिरसा मुंडू और बिरसा मुंडा ने भी सरेंडर किया है। सरेंडर के दौरान एक कार्रबाइन, एक पिस्टल और दो रायफल भी सुपुर्द किया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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नक्सली संगठनों में महिलाओं के साथ होता है दुर्व्यवहार
आत्मसमर्पण करने बाद बोयदा पाहन ने बताया कि, महिलाओं को प्रलोभन देकर उन्हे संगठन में शामिल कराया जाता है। हालांकि, उनके दस्ते में कोई महिला नहीं थी लेकिन महिलाओं का इस्तेमाल ज़रूर होता है। बोयदा पाहन की मानें तो कुख्यता नक्सली कुंदन पाहन से प्रभावित होकर उन्होने वर्ष 2009 में सीपीआई माओवादी संगठन को ज्वाइन किया था। सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और संगठन के दुर्व्यवहार से आहत होकर उन्होने मुख्यधारा में लौटने का मन बनाया है।
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने वाले पूर्व नक्सलियों को एक-एक लाख रूपए का चेक दिया गया। साथ ही इन्हे विभिन्न विधाओं में स्किल्ड बनाने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके अलावा इनाम की राशि भी दी जाएगी। घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता के साथ ही बच्चों की पढ़ाई और बीमारी में भी मदद की जाएगी। कानूनी प्रक्रिया के दौरान इन लोगों को हज़ारीबाग़ स्थित ओपन जेल में परिवार के साथ रखा जाएगा।
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डीआईजी का नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने की अपील
दक्षिणी छोटानागपुर के डीआईजी अखिलेश झा ने नक्सलियों से खून-खराबा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होने कहा कि, जो नक्सली ऐसा नहीं करेंगे उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी। रांची उपायुक्त छवि रंजन की मानें तो सरेंडर करने वाले नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 डिस्मिल ज़मीन दी जाएगी। बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ दिया जाएगा। जीवन सुरक्षा बीमा से भी इन्हे जोड़ा जाएगा।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।