नौकरी वाले ध्यान दें! हुआ बड़ा बदलाव, चेंज हुए ये नियम

सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के लिए नई और बड़ी खबर आ रही है। भले ही कोई कंपनी तीन महीने के लिए ही काम पर किसी को रखे तब भी अब पीएफ, बोनस, ग्रेच्यूटी लेने का अधिकार कर्मचारी के पास होगा।

Update: 2019-11-23 08:56 GMT
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नई दिल्ली: सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के लिए नई और बड़ी खबर आ रही है। भले ही कोई कंपनी तीन महीने के लिए ही काम पर किसी को रखे तब भी अब पीएफ, बोनस, ग्रेच्यूटी लेने का अधिकार कर्मचारी के पास होगा। कंपनी को भी इस बात का अधिकार मिलेगा की काम होने पर वो कर्मचारी को रखे और काम पूरा होने पर निकाल दे। सरकार, लेबर कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन (Labour Code on Industrial Relations 2019) के जरिए फिक्स्ड टर्म यानी एक तय टाइम के लिए रोजगार से जुड़े प्रावधानों को अब कानून का रूप देने जा रही है।

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(1) लेबर कानूनों में बड़े बदलावों को कैबिनेट ने दी मंजूरी-

कैबिनेट बैठक में लेबर कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन 2019 को मंजूरी मिल गई है। अब सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पेश करेगी।

(2) नए बदलावों से क्या होगा-

फिक्स्ड टर्म यानी तय समय के लिए रोजगार पर नया कानून बनेगा। कंपनी तीन महीने या पांच महीने के लिए भी रख सकती है। काम खत्म होने पर कर्मचारी को निकालने का अधिकार कंपनी को मिलेगा।

(I) फिक्सड टर्म के लिए रखे गए कर्मचारी को स्थाई कर्मचारी के बराबर सुविधाएं देनी होगी। तय समय के लिए रखे गए कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी, बोनस, पीएफ का फायदा देना जरूरी होगा।आपको बता दें कि मौजूदा समय में तय समय के लिए कर्मचारी कांट्रैक्टर जरिए ही रखा जा सकता है।

(II) सौ से ज्यादा कर्मचारी होने पर निकालने या कंपनी बंद करने के लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है। हालांकि कर्मचारियों की संख्या सरकार ने नोटिफिकेशन के जरिए बदलने का प्रावधान किया है।आपको बता दें कि मौजूदा कानून के तहत कर्मचारियों की संख्या सरकार नोटिफिकेशन के जरिए नहीं बदल सकती है।

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(3) नियमों के खिलाफ यूनियन ने किया हड़ताल का फैसला-

यूनियन ने प्रस्तावित कानूनों के विरोध में 8 जनवरी को हड़ताल का फैसला किया है।लेबर यूनियन को स्थायी कर्मचारियों को फिक्स्ड टर्म में बदलने का डर है।

(4) कंपनियों ने किया नए नियमों का स्वागत-

इंडस्ट्री के अनुसार नए प्रावधानों से रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे। कंपनी को ये अधिकार होगा कि वो कांट्रैक्टर के बजाए खुद ही ऐसे कर्मचारी को हायर कर लें।

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