केंद्र में मंत्री न बनाए जाने पर बिफरे वरिष्ठ भाजपा सांसद, कर्नाटक के नेता ने पार्टी को बताया दलित विरोधी

Karnataka : मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार को भाजपा सांसद रमेश ने कहा कि मुझे कई लोगों ने भाजपा में न जाने की सलाह दी थी क्योंकि यह पार्टी दलित विरोधी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-10 04:58 GMT

Karnataka Senior Dalit leader Ramesh jigajinagi  (photo: social media ) 

Karnataka: कर्नाटक से चुनाव जीतने वाले भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने खुद को केंद्र में मंत्री न बनाए जाने पर खुलकर नाराजगी जताई है। 1998 से 2024 तक लगातार लोकसभा चुनाव जीतने वाले वरिष्ठ दलित नेता रमेश जिगाजीनेगी ने पार्टी को दलित विरोधी तक बता दिया है।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र में मंत्री बनाए गए ज्यादातर नेता ऊंची जातियों से ताल्लुक रखने वाले हैं जबकि दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ सांसद का यह बयान सियासी हल्कों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पार्टी के रवैए को बताया दलित विरोधी

मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार को भाजपा सांसद रमेश ने कहा कि मुझे कई लोगों ने भाजपा में न जाने की सलाह दी थी क्योंकि यह पार्टी दलित विरोधी है। 2016 से 2019 तक केंद्रीय राज्य मंत्री रहने वाले रमेश ने कहा कि मुझे केंद्र में मंत्री पद मांगने की कोई जरूरत नहीं है। मेरे लिए इससे ज्यादा जरूरी लोगों का समर्थन है।

विजयपुरा लोकसभा सीट से सांसद रमेश ने कहा कि चुनाव के बाद जब मैं वापस आया तो तमाम लोगों ने मुझे खूब डांट लगाई। कई दलितों ने भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए मेरे साथ इस मुद्दे पर खूब बहस भी की। उनका कहना था कि मुझे भाजपा में शामिल होने से पहले पार्टी के दलित विरोधी रवैए के बारे में जान लेना चाहिए था।


अधिकांश ऊंची जाति के लोगों को बनाया मंत्री

उन्होंने कहा कि केंद्र में मंत्री बनाए गए अधिकांश लोग ऊंची जातियों से जुड़े हुए हैं। मैं दक्षिण भारत में सात बार चुनाव जीतने वाला अकेला दलित व्यक्ति हूं। इसके बावजूद मुझे मंत्री नहीं बनाया गया। पार्टी के इस रवैए से मुझे काफी दुख हुआ है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या दलितों ने कभी पार्टी को समर्थन नहीं दिया?


1998 से लगातार जीत रहे हैं रमेश

72 वर्षीय रमेश ने 1998 में पहली बार चुनाव जीता था। इसके बाद वे 2024 तक लगातार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। उन्हें कर्नाटक में बड़ा दलित चेहरा माना जाता रहा है। 2016 से 2019 तक उन्होंने पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी।


कर्नाटक से चार नेताओं को मिला मंत्री पद

कर्नाटक में इस बार भाजपा ने जदएस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं और भाजपा इस बार 17 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई है। जदएस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई है। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने लोकसभा की नौ सीटों पर जीत हासिल की थी।

मोदी सरकार में इस बार 28 जनरल, 29 ओबीसी 10 एससी, पांच एसटी और सात महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। कर्नाटक से चार चेहरों को केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला है। इनमें प्रह्लाद जोशी, शोभा करांदलाजे, वी सोमन्ना और जदएस कोटे से पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी के नाम शामिल हैं।

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