मजदूरों के किराए पर कन्फ्यूजन: सरकार से लेकर विपक्ष तक सबके अलग अलग बोल
प्रवासी मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर काफी कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि इस मुश्किल वक्त में भी केंद्र सरकार मजदूरों से टिकट का पैसा वसूल रही है। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि वो मजदूरों से कोई पैसा नहीं ले रही है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार से लॉकडाउन के चलते फंसे प्रवासी मजदूरों को घर वापसी की अनुमति मिलने के बाद उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके राज्य पहुंचाया जा रहा है। इस बीच प्रवासी मजदूरों से लॉकडाउन में भी किराया वसूलने को लेकर काफी कन्फ्यूजन पैदा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि इस मुश्किल वक्त में भी केंद्र सरकार मजदूरों से टिकट का पैसा वसूल रही है। हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि वो मजदूरों से कोई पैसा नहीं ले रही है। उधर, प्रवासी मजदूरों ने कुछ और ही कहानी बयान की है।
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया ये आरोप
कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाते हुए प्रवासी मजदूरों के मामले में सरकार पर आरोप लगाया है कि दुख की बात यह है कि भारत सरकार और रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई राज्य सरकारों ने भी विरोध जताया है।
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रेलयात्रा का खर्च उठाएगी सरकार
वहीं इन सब के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेलयात्रा का खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस पर मढ़ा दोष
वहीं कांग्रेस के इन आरोपों का जवाब देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता भी मैदान में उतरे। पार्टी के कई प्रवक्ताओं और दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस के इन दावों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है। यहीं नहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मसले में कांग्रेस सरकार पर ही दोष मढ़ दिया है।
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प्रकाश जावडे़कर का क्या है कहना?
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मजदूरों से रेल किराये की सच्चाई - सभी राज्य सरकारे मजदूरों के रेल के किराये का पैसा भर रही है। केवल महाराष्ट्र , केरल और राजस्थान सरकारे नहीं दे रही। वह किराया मजदूरों से ले रही है।
बाकि सरकारें स्वयं दे रही है यह तीन राज्य की महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान की सरकार मजदूरों से किराया ले रही है। इन राज्यों में सरकार शिवसेना गठबंधन, कम्युनिस्ट और कांग्रेस की है। यही चिल्ला रहे है । इसे कहते है 'उल्टा चोर कोतवाल को डाटें'।
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संबित पात्रा भी मैदान में
वहीं संबिता पात्रा ने जवाब दिया है कि मजदूरों की टिकट का खर्च केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उठा रही हैं। स्टेशन पर कोई टिकट नहीं बिकेगा। रेलवे 85 फीसदी सब्सिडी दे रहा है, राज्य सरकारों को 15 फीसदी खर्च देना होगा।
मजदूरों का क्या है कहना?
कांग्रेस और बीजेपी के इन आरोप-प्रत्यारोप के इतर घर वापसी कर रहे मजदूरों का कहा है कि उन्हें लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एक मजदूर ने बताया कि वो किराए का पूरा पैसा भरकर फिर घर वापस लौटे हैं। जो केंद्र सरकार दावे के बिल्कुल विपरीत है।
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