बीजेपी को झटका: इस दिग्गज नेता के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज़, ये है वजह
पिछले साल विधानसभा चुनावों में हारने के बाद से पंकजा पार्टी से नाराज हैं। एकनाथ खडसे की तरह उन्होंने अपनी हार के लिए पार्टी की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। पंकजा ने राहत पैकेज की घोषणा करके सीएम से बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए दीपावली को अच्छा बनाने का आग्रह किया था।
मुंबई। एकनाथ खडसे अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी को छोड़ नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा (भाजयुमो) की पूर्व अध्यक्ष और दिवंगत बीजेपी गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे पार्टी का साथ छोड़ सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई को एक बाद एक झटके लग रहे हैं।
पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार प्रशंसा की थी, जिसके बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गईं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंकजा ने पार्टी में शामिल होने के लिए शिवसेना के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं किया है।
शिवसेना से आ चुका है ऑफर
पंकजा की प्रशंसा और शुभकामनाएं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा इकाई के मुखिया चंद्रकांत पाटिल, सांसद रावसाहेब दानवे और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की आलोचना के ठीक उलट थी। उनका यह बयान शिवसेना से ऑफर मिलने के तीन दिन बाद आया। 22 अक्टूबर को ठाकरे ने बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की, जिसे भाजपा ने 'मूंगफली' बताया। हालांकि, तीन दिन बाद पंकजा ने 'मुख्यमंत्री को बधाई दी और राहत पैकेज का स्वागत किया।'
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एनसीपी के धनंजय मुंडे से हार गईं थीं पंकजा
पिछले साल विधानसभा चुनावों में हारने के बाद से पंकजा पार्टी से नाराज हैं। एकनाथ खडसे की तरह उन्होंने अपनी हार के लिए पार्टी की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहराया था। पंकजा ने साल 2009 और साल 2014 में परली विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन साल 2019 में अपने चचेरे भाई, एनसीपी के धनंजय मुंडे से हार गईं।
25 अक्टूबर को बीड जिले के भगवांगड में वार्षिक दशहरा रैली में पंकजा ने कहा कि उन्होंने राहत पैकेज की घोषणा करके सीएम से बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए दीपावली को अच्छा बनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत पैकेज की सराहना और उनका स्वागत करती। हालांकि उन्होंने कहा कि यह पैकेज कम है और मुख्यमंत्री को अधिक उदार होना चाहिए।
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पवार की कर चुकीं हैं तारीफ़
पंकजा ने यह भी कहा कि वह गन्ना श्रमिकों की समस्याओं को लेकर शरद पवार से मिलेंगी और आशा जताई कि उन्हें मदद मिलेगी। बाद में उन्होंने पवार की प्रशंसा में ट्वीट किया: ' वाह... महामारी के दौरान भी आप इतने सारे दौरे कर रहे हैं, आपकी कार्यशैली अनुकरणीय है।'
पंकजा ने अपने भाषण में ठाकरे का नाम तीन बार लिया और पवार का जिक्र 2 बार किया। उन्होंने फडणवीस या किसी अन्य भाजपा नेता का जिक्र बिल्कुल नहीं किया। इसी रैली में पंकजा ने कहा कि यह (गोपीनाथ) मुंडे साहेब का सपना था कि वह मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली आयोजित करें और 'अगले साल मैं शिवाजी पार्क में शिवतीर्थ में दशहरा रैली आयोजित कर सकती हूं।'
शिवसेना नेताओं ने पंकजा से आग्रह किया था
उन्होंने ठाकरे को शुभकामनाएं दीं जो उस शाम को शिवाजी पार्क शिवसेना के पारंपरिक दशहरा भाषण देने वाले थे। उन्होंने कहा, 'मेरी शुभकामनाएं... महाराष्ट्र के सभी लोग उन्हें देखेंगे।' खडसे के एनसीपी में चले जाने के बाद, पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर और वर्तमान मंत्री गुलाबराव पाटिल जैसे शिवसेना नेताओं ने पंकजा से सेना में शामिल होने का आग्रह किया था। 24 अक्टूबर को बीड में अंबेजोगाई में पंकजा ने शिवसेना को इसके प्रस्ताव के लिए धन्यवाद दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने फैसले लेने में सक्षम हैं।
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ठाकरे से मिलने वाले एकमात्र अन्य भाजपा नेता खडसे थे
खोटकर ने कहा: 'उन्होंने (पंकजा) ने हमारी पेशकश के लिए धन्यवाद कहा… इसका बहुत मतलब है। उन्होंने हमारे प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं किया है। हम अभी भी सकारात्मक हैं।' जब पंकजा, ठाकरे के सीएम बनने के बाद बधाई देने गईं थीं तो उनके साथ खोटकर भी थे। उनकी मुलाकात की फोटो ने भाजपा में बेचैनी पैदा कर दी थी। ठाकरे से मिलने वाले एकमात्र अन्य भाजपा नेता खडसे थे।
दौरे पर भी पंकजा, फडणवीस के साथ नहीं थीं
हाल ही में मराठवाड़ा के दौरे पर भी पंकजा फडणवीस के साथ नहीं थीं। फडणवीस और अन्य बीजेपी नेताओं ने बीड का दौरा किया लेकिन परली में किसानों के फसल का नुकसान देखने नहीं गए। पंकज ने फडणवीस के साथ सिर्फ परभनी में दौरा किया। हालांकि अब तक पंकजा ने फडणवीस पर कोई सीधा हमला नहीं किया लेकिन पार्टी के समक्ष अपनी नाखुश होने का इजहार कर दिया। जब उनसे शिवसेना नेता खोटकर की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा 'खोटकर कौन हैं? खोटकर क्या कहते हैं इसकी परवाह कौन करता है?'
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